प्रदेश में इन दिनों खूब बारिश देखने को मिल रही है, बारिश के चलते लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन जंगल में हो रही वनाग्नि की घटनाओं के लिए बारिश का यह दौर राहत भरा रहा है। अभी तक प्रदेश में फायर सीजन के बाद से 204 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं। पिछले साल जंगल की आग की 1276 घटनाएं हुई थी, इसमें 1773 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान हुआ। जंगल की आग की घटनाओं में कई लोगों की भी मौत हुई थी। घटनाओं के मद्देनजर वनाधिकारियों को निलंबित कर अटैच किया गया था। इस बार स्थितियां तुलनात्मक तौर पर काफी काबू में हैं।
226 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को पहुंचा नुकसान
15 फरवरी से राज्य में वनाग्नि की 204 घटनाओं में 226 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। अगर 2014 से राज्य में जंगल की आग की घटनाओं को देखे तो सबसे कम घटनाएं कोविड काल 2020 में हुई थी, इस साल 135 घटनाओं में 173 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैव विविधता को नुकसान पहुंचा था। यदि वर्तमान स्थितियां बनी रहती हैं, तो कोविड काल के बाद की सबसे कम घटनाएं हो सकती हैं। जंगल की आग की घटनाओं में कमी का एक बड़ा कारण बारिश रही। इसके अलावा वन विभाग ने भी पिछले साल की घटनाओं के मद्देनजर पहले से कई कदम उठाएं, जिसका भी लाभ मिला है।