राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव – 2025 कार्यक्रम का शनिवार को शुभारंभ हो गया है। शनिवार को सीएम धामी ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान सीएम धामी ने लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी और किशन महिपाल को उत्तराखंड आदि गौरव सम्मान पुरस्कार – 2025 से सम्मानित किया।
उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव का हुआ आगाज
उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव का आगाज हो गया है। इस महोत्सव में सीएम धामी ने जनजातीय शोध संस्थान के सफल संचालन के लिए जनजातीय शोध संस्थान के ढांचे को स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही जनजातीय युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार की दिशा में काम करने के लिए मुख्यमंत्री जनजाति रोजगार उत्कर्ष योजना के संचालन के लिये प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने देशभर के विभिन्न जनजाति समाज द्वारा बनाए गए उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। उन्होंने जनजातीय शोध संस्थान द्वारा किए गए कार्यों पर आधारित लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।
जनजातीय परंपराओं को जीवंत रखने का प्रयास है महोत्सव
सीएम धामी ने कहा कि जनजाति महोत्सव, प्रदेश के सांस्कृतिक वैभव और जनजातीय परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन का उत्सव और जनजातीय परंपराओं को जीवंत रखने का प्रयास है। ऐसे आयोजनों से हमें जनजातीय समाज की समृद्ध परंपराओं को देखने, समझने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा उत्तराखंड की भूमि प्राकृतिक सौंदर्य के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जानी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में मुख्य रूप से थारू, भोटिया, जौनसारी राजी और बुक्सा जनजातियां रहती हैं। जिनकी परंपराएं, लोककला, हस्तशिल्प, लोकगीत, नृत्य और खानपान हमारी संस्कृति को अद्वितीय पहचान देते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार, उत्तराखंड में आदिवासी समाज के विकास के लिए रात-दिन कार्य करती रहेगी।
जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए सरकार कर रही काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, उत्तराखंड के आदिवासी और जनजातीय समुदाय के कल्याण और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर और खटीमा में संचालित हो रहे हैं। जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जाती है। जनजातीय समाज के बच्चों को प्राईमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति दी जा रही है।