हनोल स्थित महासू देवता मंदिर में राज्य मेले जागड़ा पर्व के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी रही। जौनसार बावर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और हिमाचल प्रदेश के सीमांत क्षेत्र से रोडवेज बसों, टैक्सी, यूटिलिटी और निजी वाहनों से पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन और पूजन किया। वहीं शाम को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज हनोल में रात्रि प्रवास के लिए पहुंचेंगे।

भंजरा पंचरा की ध्यांटुड़ियों ने देव को अर्पित किया सोने का छत्र
भंजरा पंचरा की ध्यांटुडियों (बेटियां) ने बौठा महासू और चालदा महासू देवता को सात तोले का सोने का छत्र अर्पित कर गांव की खुशहाली और सुख शांति की कामना की। गांव की तीन हजार बेटियों ने आपसी सहयोग से धन एकत्र कर देव को अर्पित करने के निए छत्र खरीदा था। छत्र अर्पित करने वालों में विवाहित और अविवाहित दोनों ही ध्यांटुड़िया शामिल रहीं।

यह रहा कार्यक्रम 

सोमवार सुबह आठ बजे भंजरा पंचरा की ध्यांतुड़िया छत्र को लेकर गांव से हरिपुर स्थित यमुना तट के रवाना हुईं। सुबह 10 बजे ध्यांटुड़ियों ने पूरे विधि विधान के साथ सोने के छात्र को यमुना स्नान करवाया। छत्र के शुद्ध होने के बाद साहिया, पजिटिलानी और सुरेऊ आदि गांवों से होते हुए छत्र को भंजरा पंचरा गांव तक लाया गया। गांव पहुंचते ही छत्र को देव स्नान के बाद बौठा और चालदा महासू देवता को अर्पित किया गया। ध्यांटुड़ियों ने देव दर्शन कर गांव में सुख और समृद्धि की कामना की। उसके बाद देव उत्सव मनाते हारूल, जैंता रासो और देव नृत्य भी किया।

300 से अधिक गांव की ध्यांटुडियां हुई शामिल
छत्र अर्पित करने में देव पुजारी कुलदीप शर्मा, प्रवेश शर्मा, कुल पुरोहित तुलसी राम शर्मा, डिगंबर सिंह बिष्ट, भंडारी रमेश चौहान, कुंवर सिंह चौहान, देव माली दीवान सिंह चौहान, क्षेत्र पंचायत सदस्य कांती राणा, ग्राम प्रधान रीता बिष्ट, अमीता देवी, मुल्लो देवी, सीमा तोमर, पूलमा देवी, सुंदला देवी, टीको देवी, पारो देवी, रविता देवी, सुमित्रा देवी, सुरमा देवी सहित 300 से अधिक गांव की ध्यांटुडियां भी उपस्थित रही।