अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से पहले सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। 3 जुलाई से शुरू हो रही इस वार्षिक तीर्थयात्रा को लेकर सीआरपीएफ ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर निगरानी कड़ी कर दी है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए के-9 डॉग स्क्वॉड और अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है, खासकर उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। पहला जत्था 2 जुलाई को भगवती नगर आधार शिविर से रवाना होगा। इसको लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस, धार्मिक संगठनों, होटल व व्यापार संघों सहित अन्य हितधारकों के सुझावों को शामिल किया गया।
यात्रियों की सुविधाओं के लिए पुख्ता इंतजाम
कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि यात्रियों के ठहराव, खानपान, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आधार शिविरों में एसी हॉल, लंगर सेवा, मोबाइल शौचालय जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। लखनपुर से बनिहाल तक यात्रा मार्ग में सभी विश्राम केंद्रों पर यात्रियों को समान सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही 1 जुलाई से यात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू होगी, जबकि ऑनलाइन पंजीकरण पहले से ही चालू है।
52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए
सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रामबन जिलों में 52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए हैं। रेलवे के बजाय यात्रा सड़क मार्ग से ही कराई जाएगी। यात्रियों को मार्गदर्शन और सहायता के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।