सेलाकुई (देहरादून)। जातिसूचक टिप्पणी का विरोध करने पर चाकू से गोदे गए त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के नंदानगर निवासी एंजेल चकमा (24) की धूलकोट स्थित अस्पताल में 17 दिन तक चले उपचार के बाद मौत हो गई। एंजेल जिज्ञासा विश्वविद्यालय का छात्र था। उसकी मौत के बाद पुलिस ने मामले में हत्या से संबंधित धाराएं बढ़ा दी हैं। घटना में शामिल सभी पांच आरोपी पहले से ही जेल में बंद हैं।
थाना प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि यह घटना नौ दिसंबर की है। एंजेल चकमा अपने सगे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई में सामान खरीदने आया था। इसी दौरान शराब के ठेके के बाहर कुछ युवकों से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि युवकों ने नशे की हालत में दोनों भाइयों पर जातिसूचक टिप्पणी की। जब एंजेल ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उस पर चाकू और कड़े से हमला कर दिया। एंजेल के पेट, सिर और पीठ पर गंभीर वार किए गए, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर क्षति पहुंची।
गंभीर हालत में एंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई माइकल चकमा की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। 14 दिसंबर को पुलिस ने हमले के आरोप में सहसपुर के शंकरपुर निवासी अविनाश नेगी, प्रेमनगर के धूलकोट निवासी शौर्य राजपूत, पटेलनगर के नया गांव पेलियो निवासी सूरज खवास (स्थायी निवासी मणिपुर), तिलवाड़ी निवासी सुमित और बायांखाला निवासी आयुष बडोनी को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी भी छात्र बताए जा रहे हैं और उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया था।
एंजेल की मौत के बाद पुलिस ने मामले को हत्या में तब्दील कर दिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
