वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने गुरुवार को देहरादून से दुबई के लिए 1.2 मीट्रिक टन गढ़वाली सेब (किंग रोट किस्म) की पहली परीक्षण खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
दून से दुबई के लिए गढ़वाली सेब की पहली परीक्षण खेप रवाना
देहरादून से दुबई के लिए 1.2 मीट्रिक टन गढ़वाली सेब की पहली परीक्षण खेप रवाना हो गई है। ये परीक्षण खेप कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहयोग से संभव हो पाई। जो भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। यह पहल उत्तराखंड से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
दुबई के लिए गढ़वाली सेब की यह पहली खेप एक आशाजनक यात्रा की शुरुआत है। इस परीक्षण से प्राप्त अनुभव शीत श्रृंखला प्रबंधन, फसल-उपरांत संचालन और लॉजिस्टिक ढांचे को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। एपीडा और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त प्रयासों से अधिक किसानों के समूह लाभान्वित होंगे तथा आने वाले वर्षों में निर्यात गंतव्य दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप तक भी विस्तारित किए जाने की संभावना है।
एपीडा राज्य में खोलेगा कार्यालय
उत्तराखंड से बासमती चावल, मोटे अनाज, राजमा, मसाले, सुगंधित पौधे, शहद, सेब, कीवी, आम, लीची, आड़ू तथा सेम, मटर, करेला, आलू आदि सब्जियों जैसे उत्पादों के निर्यात की भारी संभावनाएं हैं। सचिव सुनील बर्थवाल ने एपीडा को राज्य में शीघ्र कार्यालय खोलने का निर्देश दिया और सभी हितधारकों से वैश्विक कृषि निर्यात में उत्तराखंड की भागीदारी बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
ये खेप उत्तराखंड की कृषि-निर्यात प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए एपीडा के व्यापक रोडमैप का हिस्सा है। आगे चलकर प्राधिकरण का ध्यान राज्य के बाजरे, मोटे अनाज, जैविक उत्पादों, दलहनों, खट्टे फलों, कीवी, जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों के निर्यात को बढ़ावा देने पर होगा। किसानों और निर्यातकों को निकटतम सहयोग प्रदान करने हेतु एपीडा शीघ्र ही देहरादून में एक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगा।