NEWS : भारतीय अंतरीक्ष एजेंसी ISRO ने सितंबर में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी पोल पर उतारकर इतिहास रचने के बाद अपने अगले सूर्य मिशन के लिए आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग की। इन दोनों से मिली सफलता के बाद से ही इसरो ने अपना पूरा फोकस अब मानव मिशन गगनयान पर लगा रखा है। हालांकि अपने मिशन में किसी को मानव को भेजने से पहले इसरो की तरफ से महिला रोबोट व्योममित्र को एक स्पेसक्राफ्ट की मदद से मानव मिशन के रिहर्सल के तौर पर अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है। बता दें कि इसरो गगनयान मिशन की तैयारी में बहुत पहले से काम कर रहा है। इस बात की जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को दी।

NEWS : अगले साल व्योममित्र को स्पेस में भेजेगा ISRO

जितेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मानव मिशन से पहले, भारत एक महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजेगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसरो, जो अपने महत्वपूर्ण गगनयान मिशन में तैयारी में है, इसके माध्यम से हूमन स्पेसफ्लाइट के माध्यम से भारत की अंतरिक्ष क्षमता को विश्व में प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। व्योममित्र को ले जाने वाली एक परीक्षण उड़ान अगले वर्ष के लिए निर्धारित की है।

NEWS : अंतरिक्ष के साथ ही समुद्र में भी देखेगी भारत की ताकत

अंतरिक्ष के साथ-साथ, समुद्रों में भी भारत की शक्ति को बढ़ाने के लिए, इसरो ने डीप सी मिशन की तैयारी की है, जिसे अगले तीन-चार सालों में पूरा करने का प्लान बनाया है। इस मिशन के माध्यम से, इसरो गहरे समुद्र के संसाधनों की अनुसंधान करेगा, जिससे कि न केवल आउटर स्पेस ही नहीं, बल्कि समुद्र की गहराई में भी भारत की शक्ति दिखेगी।

NEWS : 2024 तक 40 बिलियन डॉलर की होगी स्पेशृस इकॉनमी

डॉ. सिंह ने बताया कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की आठ बिलियन डॉलर की है और अनुमान है कि 2040 तक यह प्रभावशाली रूप से 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। उन्होंने बड़ी रकम में निजी निवेश को आकर्षित करने की महत्वपूर्ण प्रगति की बात की, जिसने इस वित्तिय वर्ष के अप्रैल से अब तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं।

NEWS : पिछले 9 साल में 190 अंतरिक्ष स्टार्टअप

मंत्री ने उज्जवल भविष्य की दिशा में अंतरिक्ष स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुधारों का श्रेय दिया, जिसने 2014 में केवल एक स्टार्टअप से शुरुआत करके, देश में अब 190 अंतरिक्ष स्टार्टअपों को संचालित किया है। भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने उपग्रह प्रक्षेपण के माध्यम से विदेशी राजस्व का समर्थन करने में सहायक रहा है, जिससे यूरोपीय सैटेलाइट से 290 मिलियन यूरो और अमेरिकी सैटेलाइट से 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक कमाई हुई है। Also Read : NEWS : संसद में सुरक्षा चूक पर 8 कर्मचारी सस्पेंड, लोकसभा सचिवालय ने लिया एक्शन