राजधानी देहरादून में नकली दवा बनाने वाली कंपनी का भंडाफोड़ करने के बाद फिर से पुलिस ने नकली दवाओं की खेप बरामद की है। दरअसल, राजधानी से सप्लाई की गई नकली दवाओं को जब्त करने के लिए पुलिस ने दिल्ली के तीन मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। यहां से करीब 20 लाख रुपये मूल्य की डेढ़ लाख से ज्यादा नकली गोलियां व कैप्सूल बरामद किए गए। रायपुर से दिल्ली के इन मेडिकल स्टोर को एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा की नकली दवाएं सप्लाई की गई थीं।
दूसरे राज्यों में छापे की तैयारी
पुलिस अब जल्द ही दूसरे राज्यों में छापे की तैयारी कर रही है। इस तरह की नकली दवाओं को उड़िसा, बिहार आदि राज्यों भी सप्लाई किया गया था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गत 14 अक्तूबर को रायपुर पुलिस और एसओजी ने देहरादून स्थित एक फर्म में छापा मारा था। यहां से नामी कंपनी के नाम से बनाई जा रही करोड़ों रुपये की नकली दवाएं बरामद हुई थीं।
हरिद्वार की एक फैक्ट्री सील
इसके साथ ही पुलिस ने नकली दवा बनाने वाली हरिद्वार की एक फैक्ट्री को भी सील कराया था। मौके से सचिन नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने गत दो वर्षों में सात करोड़ रुपये की दवाएं देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई की हैं। जीएसटी व अन्य विभागों से जानकारी की गई तो पता चला कि आरोपी ने अपनी फर्म एसएस मेडिकोज के माध्यम से दिल्ली की बालाजी फार्मा को 97 लाख रुपये और आरजे फार्मा को 28 लाख रुपये की दवाएं सप्लाई हुई थीं।
नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रणनीति बनाई जा रही
इसके अलावा भारत मेडिकोज दिल्ली को भी 60 लाख रुपये की दवाएं भेजी गईं। एसएसपी ने बताया कि इन दवाओं को जब्त करने के लिए एक टीम दिल्ली भेजी गई थी। टीम ने इन तीनो मेडिकल स्टोर से लगभग 20 लाख रुपये की डेढ़ लाख गोलियां व कैप्सूल बरामद किए हैं। इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। आरोपियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है । देश के अन्य राज्यों में भी जल्द टीम भेजकर दवाएं जब्त की जाएंगी।
दिल्ली से अन्य जगहों को भेजी दवाएं
जांच में पता चला कि दिल्ली की ये तीनों फर्म काफी बड़ी हैं। ये भी देश के विभिन्न इलाकों में दवाएं सप्लाई करती हैं। इनमें से भारत मेडिकोज ने 40 लाख रुपये की दवाएं लखनऊ, दिल्ली, बनारस, सिलिगुड़ी और बिहार के स्थानों पर बेचा है। एसएसपी ने बताया कि संचालकों से भी पूछताछ की गई है। पता चला है कि आरोपी सचिन शर्मा ने इन लोगों को बताया था कि वह वॉल्टर बशनेल कंपनी और जगसन पाल कंपनी के नाम से दवाएं बनाकर बेचता है। इन संचालकों को भी नोटिस देकर बयानों के लिए देहरादून बुलाया गया है।