देहरादून: कृषि मंत्री गणेश जोशी पर लगे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप के मामले में विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत ने मंत्री परिषद ने निर्णय लेने को कहा है। न्यायालय ने मंत्री परिषद से आग्रह किया है कि लिए गए निर्णय से आठ अक्टूबर तक न्यायालय को अवगत करा दिया जाए। न्यायालय ने मामले में सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है।

आरटीआइ कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए करीब दो माह पूर्व विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत में एक प्रार्थना-पत्र दिया था। इसमें सतर्कता अधिष्ठान से कृषि मंत्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच का आग्रह किया गया था। न्यायालय की ओर से सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में आख्या मांगी गई थी।

प्रकरण में मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई के दौरान सतर्कता अधिष्ठान ने अपनी आख्या के साथ एक पत्र भी प्रस्तुत किया। यह भी बताया गया कि गत आठ जुलाई को सतर्कता अधिष्ठान की ओर से कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को यह पत्र भेजा गया था। इसके बाद सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) की ओर से बताया गया था कि यह मामला परीक्षण कराने और यथोचित निर्णय लेने के लिए मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है।

सतर्कता अधिष्ठान की ओर बताया गया कि लोक सेवक से जुड़े मामले में मंत्री परिषद ही निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च संस्था है। इसके लिए तीन माह का समय निर्धारित होता है, जो आठ अक्टूबर को पूरा हो रहा है। ऐसे में निर्धारित समय से पूर्व कोई भी आदेश पारित करना न्यायसंगत नहीं होगा। इस पर न्यायालय ने मंत्री परिषद को निर्धारित समय पर निर्णय लेकर न्यायालय को अवगत कराने को कहा है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी में कहा की न्यायालय की ओर से जो पत्र भेजा गया है, उस पर शासन को जवाब देना है। मेरी ओर से अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। जब भी कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो वह अपनी आय-व्यय की पूरी जानकारी अनिवार्य रूप से निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराता है।

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