NEWS : राजस्थान में चुनावी हलचल काफी तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर ED की छापेमारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने उनके दो बेटों को समन भेजा है।
इसी बीच, राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरों (ACB) ने एक बिचौलिए के माध्यम से 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगने में शामिल होने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी को हिरासत में लिया है।
NEWS : क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में एक चिट फंड कंपनी के केस में सैटलमेंट करने और अन्य तरह की सुविधा देने के नाम पर पीड़ित से 17 लाख रुपये मांग रहा था। लेकिन उसे 15 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया है। उसके लिए काम करने वाले उसके सहयोगी को भी अरेस्ट किया गया है।
इसके लिए अलवर में जाल बिछाया गया था। मामला बड़ा होने के बाद एसीबी के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। ईडी अधिकारी की पहचान नवल किशोर मीना के रूप में हुई। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।
NEWS : ठगी का केस दर्ज
एसीबी अधिकारियों ने मामले पर बताया कि मणिपुर में पिछले दिनों कुछ लोगों के खिलाफ चिट फंड कंपनी चलाने और ठगी का मामला दर्ज हुआ था। इसमें पीड़ित से ईडी वाले पैसों की मांग कर रहे थे।
पीड़ित ने एसीबी अधिकारियों को बताया कि ईडी अफसर नवल किशोर मीणा और उनके सहायक कर्मचारी बाबूलाल मीणा उनसे पैसों की मांग कर रहे थे। चिटफंड कंपनी के केस में उनकी संपत्ति अटैच नहीं करने की एवज में ये पैसे मांगे जा रहे थे। उन्होंने केस को रफा दफा करने के लिए कहा था।
एंटी करप्शन ब्यूरों का आरोप है कि इस मामले में मणिपुर के इंफाल में लगे प्रवर्तन अधिकारी नवल किशोर मीणा रुपए मांग रहे थे। नवल किशोर मीणा जयपुर ग्रामीण के बस्सी के और बाबूलाल मीणा भी बस्सी तहसील के ही रहने वाले हैं।
बाबूलाल ही इस केस में बिचौलिया का काम कर रहे थे। वे फिलहाल अलवर के खैरथल में कनिष्ट सहायक कार्यालय, उप पंजीयक के पद पर तैनात हैं। फिलहाल दोनों से एसीबी कार्यालय में पूछताछ की जा रही है।
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