शंखनाद INDIA / नई दिल्ली                                                                                                                                                                    बीते सप्ताह फ़ेसबुक ने खबरों को ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक कर दिया था. साथ ही फ़ेसबुक पर ख़बरें शेयर करने पर भी रोक लगा दी गई थी हालांकि इस सप्ताह सरकार से बातचीत के बाद फ़ेसबुक ने अपना फ़ैसला वापस ले लिया.

इस बातचीत के आधार पर सरकार ने निचली सदन में जो कानून प्रस्तावित था उसमें संशोधन किया है और कुछ मामलों में दोनों कंपनियों को नए कानून से राहत मिलने का प्रावधान रखा गया है.

लेकिन दोनों ही कंपनियों को बड़े ऑस्ट्रेलियाई प्रकाशकों को आकर्षक रकम देने के लिए प्रतिबद्ध किया गया है. इसे मोटे तौर पर टेक कंपनियों की ओर से किए गए समझौते के तौर पर देखा जा रहा है.

ऑस्ट्रेलिया का ये नया कानून दुनियाभर में नियामकों के लिए डिजिटल माध्यम पर खबरों के लिए पेमेंट का एक मॉडल साबित हो सकता है.

गुरुवार को ये कानून हाउस ऑफ़ रिप्रजेंटेटिव्स में पारित किया गया.

इस क़ानून में क्या ख़ास है?

इस प्रस्तावित क़ानून में ये व्यवस्था की गई है कि टेक कंपनियां न्यूज़ सामग्री के लिए भुगतान करें. हालांकि, अब तक ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें कितना भुगतान करना होगा.

ये क़ानून एक संगठन के रूप में मीडिया संस्थाओं को टेक कंपनियों से नेगोशिएट करने की ताकत देगा ताकि उस सामग्री की कीमत तय हो सके जो कि टेक कंपनियों की न्यूज़ फीड और सर्च रिज़ल्ट्स में नज़र आती है.

अगर ये समझौता असफल हो जाता है तो ऐसे मामले ऑस्ट्रेलिया कम्युनिकेशंस एवं मीडिया अथॉरिटी के समक्ष जा सकते हैं.

इसके अलावा अगर गूगल और फ़ेसबुक अपने एल्गोरिदम में बदलाव करते हैं तो उससे पहले इसकी सूचना प्रकाशकों को देनी होगी.

आस्ट्रेलिया क्यों ला रहा है ये क़ानून?

सरकार का तर्क है कि टेक कंपनियों को न्यूज़ रूम को उनकी पत्रकारिता के लिए उचित कीमत अदा करनी चाहिए. इसके साथ ही ये तर्क भी दिया गया है कि ऑस्ट्रेलिया की न्यूज़ इंडस्ट्री के लिए आर्थिक मदद की ज़रूरत है क्योंकि मज़बूत मीडिया लोकतंत्र की ज़रूरत है.

न्यूज़ कॉर्प ऑस्ट्रेलिया (रुपर्ट मर्डोक के मीडिया घराने की एक कंपनी) जैसी मीडिया कंपनियां ने विज्ञापन से होने वाली आय में दीर्घकालिक कमी आने के बाद सरकार पर दबाव बनाया है कि वह टेक कंपनियों को बातचीत के लिए तैयार करे.

ऐसे समय जब मीडिया कंपनियों की कमाई में कमी आ रही है तब गूगल की कमाई में बढ़त देखी जा रही है. साल 2019 में वैश्विक स्तर पर गूगल ने 160 बिलियन डॉलर से ज़्यादा की कमाई की है.

साभार बीबीसी

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें