शंखनाद INDIA / देहरादून                                                                                                                                                                         उत्तराखंड पुलिस में पहला महिला कमांडों दस्ता शामिल हो गया है। उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है, जहां पुलिस में महिला कमांडो दस्ता शामिल हैं। पुलिस की 22 जंबाजों ने 12 दिन का कठिन परिश्रम पूर्ण कर अपनी क्षमताओं से सभी को रूबरू कराया। बुधवार को पुलिस लाइन में साहस और रणकौशल का प्रर्दशन कर ये महिला कंमाडो मुख्यधारा में शामिल हुईं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिहं रावत की उपस्थिति में महिला कमांडो फोर्स और स्मार्ट चीता पुलिस की शुरूआत की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिला पुलिस कार्मिकों के कमांडो व चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढे़गा।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महिला कमांडो दस्ते का विस्तार किया जाएगा। महिलाओं को शारीरिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह कदम कारगर साबित होगा। इस मौके पर महिला कमांडो दस्ते की ओर से सुरक्षा और रणकौशल का डेमों दिया गया। वहां, स्मार्ट चीता पुलिस ने नुक्कड़-नाटक के जरिये अपने कार्यो एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी।  इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन परिसर में स्मार्ट पुलिस बैरक का भी उद्घाटन किया।
12 दिन की कडी़ मेहनत से पाया मुकामः    पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर हरिद्वार मे 27 महिलाओं के दस्ते को 18 जनवरी से 14 दिन का कमांडो प्री-कोर्स कराया गया था, जिसमें से 22 महिलाओं को अग्रिम प्रशिक्षण के लिए पीटीसी नरेंद्रनगर में आठ फरवरी से दो माह का पुलिस कमांडो प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो अभी तक 12 दिन का प्रशिक्षण ग्रहण कर चुकी है। उक्त कमांडो दस्ते को यूएसी, शारीरिक दक्षता, राॅक क्लाइंबिंग, शस्त्र प्रशिक्षण, फायरिंग, बम डिस्पोजल, प्राथमिक चिकित्सा, संचार, अभिसूचना, नेविगेशन-मैप रीडिंग, वीआइपी सुरक्षा, आतंकवाद व कांउटर टेररिज्म आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद दस्ते को हरिद्वार में कुंभ मेले में भी तैनात किया जाएगा।

 

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