शंखनाद INDIA/ देहरादून
उत्तराखंड के अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत स्कूलों में पढ़ा रहे संस्कृत शिक्षकों को तीरथ सरकार ने तोहफा दिया है| दरअसल, पिछले महीने त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में संस्कृत शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया था| जिसे लेकर तीरथ सरकार ने इस फैसले पर शासनादेश जारी कर दिया है| यानि अब 155 शिक्षकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा| फैसले के तहत 5 सालों से अशासकीय संस्कृत स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को 15 हजार प्रतिमाह, 10 सालों से अधिक संस्कृत स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को 30 हजार और 5 से 10 साल तक के बीच निरंतर रूप से पढ़ा रहे संस्कृत शिक्षकों को 25 हजार प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा|
इसके अलावा यूजीसी के मानकों के मान्य पीएचडी और एमफिल धारक शिक्षकों को 5 हजार प्रति माह अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाएगा| इसके अलावा सरकार ने शिक्षकों के लिए एक और अहम फैसला लिया है| जिसके तहत अशासकीय महाविद्यालयों प्रबंधन के द्वारा अगर नियमित शिक्षक की नियुक्ति अपने स्कूल में की जाती है तो फिर प्रबंधकीय शिक्षकों को स्वयं अपने श्रोतों से मानदेय दिया जाएगा और सरकार से मानदेय की मांग नहीं की जाएगी|