देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य निगम कर्मचारी महासंघ की एक महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को उत्तराखण्ड रोडवेज इम्पलाइज यूनियन के प्रान्तीय कार्यालय, गांधी रोड देहरादून में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने की, जबकि संचालन प्रदेश महामंत्री नन्दलाल जोशी ने किया। बैठक में विभिन्न निगमों से जुड़े घटक संगठनों के प्रदेश पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।
बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम, जल संस्थान, मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण, स्वजल, वन विकास निगम, गढ़वाल मंडल विकास निगम, दुग्ध संघ, जिला पंचायत और बहुउद्देशीय वित्तीय विकास निगम सहित कई निगमों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं रखीं। कर्मचारियों ने सरकार पर लंबित मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए रोष व्यक्त किया।

महासंघ ने बताया कि 9 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री को भेजे गए विस्तृत मांगपत्र पर अब तक न तो कोई वार्ता हुई और न ही ठोस कार्रवाई की गई। बैठक में कर्मचारियों के विनियमितिकरण का मुद्दा प्रमुखता से उठा। महासंघ ने संविदा, तदर्थ, दैनिक वेतनभोगी, वर्कचार्ज और उपनल कर्मचारियों के लिए निर्धारित 4 दिसंबर 2018 की कटऑफ तिथि पर पुनर्विचार करते हुए इसे 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाने की मांग की।
परिवहन निगम में विशेष श्रेणी के चालक, परिचालक और बाह्य स्रोत से कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को नियमितिकरण से बाहर रखने पर भी नाराजगी जताई गई। वहीं सहकारी दुग्ध शालाओं में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान और लंबित महंगाई भत्ते का भुगतान न होने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।
जल संस्थान में नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरणों को तत्काल निरस्त करने और परिवहन क्षेत्र में अवैध संचालन पर रोक लगाने की भी मांग उठी।
प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने कहा कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो महासंघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। महामंत्री नन्दलाल जोशी ने चेतावनी दी कि कर्मचारियों की जायज मांगों की अनदेखी की जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।
