आज प्रदेश की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित कक्ष में 01 अक्टूबर, 2023 से प्रारम्भ होने वाले खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 के अन्तर्गत क्रय संस्थाओं के माध्यम से फसलों के खरीद किये जाने के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।बैठक में बताया गया कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 में धान की खरीद का लक्ष्य लगभग 8.96 लाख मीट्रिक टन रखा गया है, साथ ही भारत सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए चावल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति कुन्तल कर दिया गया है जोकि पिछले खरीफ-खरीद सत्र के सापेक्ष अधिक है।साथ ही खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 को 01 अक्टूबर 2023 से 31 दिसम्बर 2023 तक कर दिया गया है जिसकी समयावधि पहले 31 जनवरी 2024 तक की गई थी।जहां भारत सरकार द्वारा खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 में रागी के उत्पादन के लिए 1.26 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है! रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3846 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है।

मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारी बहुत सी संस्थाएं जैसे सहकारिता, एफसीआई, यूपीसीयू तथा यूसीसीएफ आदि के माध्यम से क्रय केन्द्र खोले गये हैं इन संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि किसानों को चावल की खरीद के संबंध में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाये तथा नियमानुसार 72 घंटे के अर्न्तगत भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही मत्री रेखा आर्या ने कहा कि खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 के लिए बोरों की व्यवस्था विभाग द्वारा समय पर की जाए इसके लिए भी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उन्होंनें कहा कि किसानों को किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े इसके लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है।खाद्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 में रागी के उत्पादन के लिए 1.26 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3846 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा कि रागी मुख्यतः पहाड़ी जनपदों में उत्पादित किया जाता है जिसके लिए पहाड़ों में निश्चित क्रय केन्द्रों के निर्माण हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

मंत्री ने कहा कि क्रय केन्द्रों पर हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों को 01 अक्टूबर 2023 से 31 दिसम्बर 2023 तक निश्चित किये गये क्रय केन्द्रों तक पहुंचायें। वहीं रागी के क्रय को लेकर बताया कि रागी मुख्यतः पहाड़ी जनपदों में उत्पादित किया जाता है जिसके लिए पहाड़ों में निश्चित क्रय केन्द्रों के निर्माण हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।वहीं अधिकारियों से किसानों को खरीफ क्रय सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसे लेकर अहम दिशा निर्देश दिए।इस अवसर पर सचिव खाद्य, एल फनई तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे!