शंखनाद INDIA/केके सिंह/मुनस्यारी/पिथौरागढ– प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे 18 जनवरी सोमवार को शिक्षा विभाग की अहम बैठक करने जा रहे है जिसमें दो दर्जन से अधिक बिन्दुओं पर चर्चा व मुहर लगने की संभावना है, वहीं पिछले पांच वर्षों से कड़ी मेहनत व लगन से दुर्गम से अति दुर्गम के माध्यमिक विद्यालयों में अल्प मानदेय 15 हजार में अध्यापन करा रहे अतिथि शिक्षकों ने मांग रखी है कि उन्हें तदर्थ नियुक्ति दी जाये साथ ही वेतन बढोतरी की जाये, अतिथि शिक्षकों ने कहा कि महामारी के इस दौर में अल्प मानदेय व असुरक्षित भविष्य से वे आर्थिक व मानसिक परेशानियों से जूझ रहे है, त्रिवेंद्र सरकार ने शपथ ग्रहण के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में भी अतिथियों के सुरक्षित भविष्य की बात की थी।

लेकिन पिछले चार सालों में अभी तक कुछ नहीं मिला जबकि अशासकीय विद्यालयों में हरीश रावत कार्यकाल के पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति की चर्चा जोरो पर है और भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल अतिथियों को सरकार दरकिनार करती नजर आ रही है हांलाकि वर्तमान सरकार में अतिथि शिक्षकों ने एक बार भी आंदोलन नहीं किया है जिस कारण सरकार ने राहत कुछ सांस ली है, जबकि हरीश रावत सरकार के दौरान राष्ट्रपति शासन के दौरान आंदोलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत समर्थन में सड़क पर ही सो गये थे और आंदोलन के समर्थन में स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत कोश्यारी के साथ परेड ग्राउंड में पहूंचे थे|

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