HARIDWAR: Uttarakhandउत्तराखंड में स्थापना दिवस पर अल्मोड़ा की हालिया सड़क दुर्घटना को लेकर सरकार ने सादगी से समारोह मनाने का वादा किया था। लेकिन हरिद्वार में 70 लाख 63 हजार रुपये के कथित “दीपक घोटाले” ने इस दावे को कटघरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस congress के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने सरकार पर 50 लाख के तेल, 15 लाख के मिट्टी के दीपक, 6,000 रुपये की माचिस और 30,000 रुपये की मोमबत्तियों की खरीद में हेरा-फेरी का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
घोटाले के आरोपों की मुख्य बातें
- 50 लाख रुपये का 20,000 लीटर तेल
- 6,000 रुपये की माचिस और 15 लाख के मिट्टी के दीपक
- 30,000 रुपये की मोमबत्तियां
प्रताप ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में तेल और माचिस कहां इस्तेमाल की गई, इसका हिसाब सरकार को देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सादगी के नाम पर जनता को गुमराह किया गया, जबकि हरिद्वार में करोड़ों का खर्च किया गया। साथ ही, उन्होंने पिछले 24 सालों में हुई 20,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं और हाल ही में उत्तराखंड क्रांति दल के नेता त्रिवेंद्र सिंह पवार की मौत को लेकर एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की।
कांग्रेस ने पंचायतों और निकाय चुनावों को टालने और प्रशासकों की नियुक्ति को भी लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन बताया। साथ ही, नैनीडांडा क्षेत्र को पिछड़ा घोषित करने और वहां के सड़क हादसों पर विशेष अध्ययन दल भेजने की मांग उठाई। यह घोटाला उत्तराखंड सरकार के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरा है, और अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पर क्या जवाब देते हैं।
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