देहरादून। बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला सनावर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच और अंकिता हत्याकांड से जुड़े वीआईपी नाम के खुलासे की मांग को लेकर उत्तराखंड महिला मंच ने गांधी पार्क के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को उत्तराखंड इंसानियत मंच का भी समर्थन मिला। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने आरोपों को गंभीर बताते हुए सरकार से तत्काल जांच शुरू करने की मांग की।
उत्तराखंड महिला मंच की संयोजक कमला पंत ने कहा कि उर्मिला सनावर ने जिन लोगों के नाम लिए हैं, वे सत्ताधारी बीजेपी से जुड़े प्रभावशाली नेता बताए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह निष्पक्षता के साथ इन आरोपों की जांच कराए। उन्होंने मांग की कि यह जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए। पंत ने चेतावनी दी कि यदि जल्द जांच शुरू नहीं की गई और अंकिता प्रकरण में वीआईपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया, तो महिला मंच अन्य संगठनों के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा।
प्रदर्शन के दौरान उन्नाव मामले में सजायाफ्ता बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित किए जाने पर भी नाराजगी जताई गई। वक्ताओं ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के दौर में बेटियों के दोषियों को रियायतें दी जा रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
निर्मला बिष्ट ने कहा कि उर्मिला सनावर के आरोपों को आंख मूंदकर सही नहीं माना जा सकता, लेकिन जिस बेबाकी से उसने कई बड़े नेताओं पर आरोप लगाए हैं, उससे संदेह पैदा होता है। बीजेपी को यह संदेह दूर करना चाहिए। वहीं, उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि यदि शुरुआत में ही वीआईपी का नाम उजागर कर दिया जाता और सीबीआई जांच से सरकार पीछे नहीं हटती, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
विमला कोली ने सरकार की चुप्पी को शर्मनाक बताया और कहा कि अपराधी की कोई जाति या धर्म नहीं होता, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। प्रदर्शन में लता नेगी, पंचमी रावत, मंजू बलोदी सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं।
