मियांवाला

धामी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की गई। इसमें मियांवाला का नाम बदलकर रामजीवाला करने की घोषणा भी की गई। जिसको लेकर विवाद छिड़ गया है और स्थानीय लोगों में नाराजगी व आक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि धामी सरकार ने बिना स्थानीय लोगों की राय लिए हुए ही मियांवाला का नाम बदल दिया।

मियांवाला का नाम बदलने से स्थानीय नाराज

स्थानीय लोग बताते हैं कि मियांवाला का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है। मियांवाला में मियां पदवी के कुछ परिवार रहते हैं। इसी के नाम से इस जगह का नाम मियांवाला पड़ा था। वरिष्ठ पत्रकार शीशपाल गुसाईं बताते हैं कि मियांवाला का इतिहास गढ़वाल के राजा प्रदीप शाह के शासन काल से जुड़ा है।

राजा प्रदीप शाह की पत्नी महारानी गुलेरिया हिमाचल प्रदेश के गुलेर रियासत से थे। उस समय गुलेर रियासत के लोगों को “मियां” की सम्मानजनक उपाधि से नवाजा गया था। धीरे-धीरे उस समय की बोलचाल और परंपरा में प्रचलित हो गया। टिहरी के राजाओं ने इन लोगों को कई जागीरें भी दीं इनमें से एक प्रमुख जागीर देहरादून के पास मियांवाला थी।

क्या है मियांवाला का इतिहास ?

मियांवाला के नाम को लेकर इन दिनों चर्चाएं हो रही हैं। उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद, पद्मश्री डॉ. यशवंत सिंह कटोच इस बात की पुष्टि करते हैं कि मियांवाला जागीर का नाम गढ़वाल की राजपूत जाति के गुलेरिया लोगों की पदवी के नाम पर पड़ा। उनके अनुसार ये जागीर इन लोगों को उनके योगदान और रिश्तेदारी के सम्मान में दी गई थी।

बता दें कि कि “मियां” कोई जाति नहीं है, बल्कि ये गुलेरिया लोगों के लिए प्रयुक्त एक उपाधि थी। जो मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की गुलेर रियासत से संबंधित थे। राजा प्रदीप शाह ने इन गुलेरिया लोगों को मियांवाला से लेकर कुआंवाला तक की विशाल जागीर प्रदान की थी, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। इन जागीरों के साथ-साथ गुलेरिया लोग गढ़वाल और टिहरी के विभिन्न क्षेत्रों में बस गए। आज भी टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक में कंडारस्यूं और जखन्याली गांव, नरेंद्रनगर ब्लॉक में रामपुर गांव, पौड़ी गढ़वाल में नौगांव खाल के निकटवर्ती क्षेत्र, और उत्तरकाशी के नंदगांव आदि जैसे गांवों में “मियां” कहे जाने वाले ये लोग निवास करते हैं।

स्थानीय लोगों ने किया नाम बदलने का विरोध

मियांवाला के नाम बदले जाने को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि वो मियांवाला का नाम बदलने का विरोध करेंगे। इस स्थान का नाम मियांवाला है और मियांवाला ही रहेगा। उन्होंने सरकार से रामजीवाला का बोर्ड हटाकर फिर से मियांवाला का बोर्ड लगवाया जाने की मांग की है।