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सदन के पहले दिन की कार्यवाही के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई. बैठक में सदन की कार्यवाही को लेकर चर्चा की गई. चर्चा के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विपक्षी विधायक प्रीतम सिंह ने कार्य मंत्रणा समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद विपक्ष के ये दोनों नेता बैठक से बाहर निकल आये।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा सदन की कार्यवाही नियमों से संचालित होती है. उत्तराखंड की कार्य संचालन नियमावली है. उसकी अनदेखी लगातार भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार कर रही है। सरकार कल जो यूसीसी विधेयक सदन के पटल पर रखने जा रही है, उसके अध्ययन को लेकर लगातार विपक्ष समय मांग रहा है, जिससे विपक्ष के विधायक यूसीसी पर होने वाली चर्चा में भाग ले सकें, लेकिन सरकार अपने संख्या बल के आधार पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी दबाव बनाती है। उनका कहना है कि कल सुबह सदन के पटल पर यूसीसी विधेयक को पेश करेगी, उसके बाद चर्चा करेगी. साथ ही नेताप्रति पक्ष ने कहा भाजपा सरकार लोकतंत्र को नहीं समझ रही है. लिहाजा भाजपा सरकार संवैधानिक मूल्यों की हत्या कर रही है. भाजपा संख्या बल के आधार पर कार्य संचालन नियमावली और विधानसभा की परंपराओं की अनदेखी कर रही है, जो विपक्ष को स्वीकार नहीं है।
कार्य मंत्रणा समिति
विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक की जाती है। हालांकि, इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यही होता है की सदन की कार्रवाई के दौरान क्या-क्या काम होने हैं उस पर चर्चा किया जाता है ताकि सही ढंग से सदन की कार्रवाई को चलाया जा सके। उत्तराखंड विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत 7 सदस्य हैं। जिसमें नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष, सभी दलों के एक-एक विधायक सदस्य के रूप में शामिल हैं।