TRILOCHAN BHATT /DEHRADUN
नगर निगम चुनावों में जनता के मुद्दों को लेकर उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच सहित विभिन्न जनसंगठन आगे आये हैं। प्रेस क्लब में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीदवारों और मतदाताओं के नाम दो अलग-अलग अपील जारी की गई। संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक वे अलग-अलग टीमें बनाकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में उम्मीदवारों और मतदाताओं से मिलकर उनसे संवाद करेंगे और जनसंगठनों की ओर से जारी अपील लोगों को वितरित करेंगे। जन संगठनों ने आगामी 16 जनवरी को देहरादून में जागरूकता रैली निकालने की भी घोषणा की।
उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि जन संगठन इस चुनाव में मुख्य रूप से चार मुद्दों को लेकर उम्मीदवारों और आम नागरिकों के बीच जाएंगे। इनमें मुख्य रूप से देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में पेड़ काटने पर रोक लगाना, नशे पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाना, हर वार्ड में बच्चों और बुजुर्गों के लिए पार्क बनाना और संविधान की 12 सूची के सभी विषय नगर निगम को स्थानान्तरित करना शामिल हैं।
उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने कि सभी संगठन देहरादून सिटीजन फोरम के ग्रीन एजेंडें से सहमत हैं और फोरम के साथ हैं। संगठन अपनी तरफ से कुछ और मांगों के साथ आगे आये हैं। इनमें पर्यावरण संरक्षण प्रमुख है। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में अब तक 40 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं और जो योजनाएं अभी सरकार के सामने में उन्हें लागू करने पर काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या 1 लाख हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी संगठन आने वाले दिनों में उम्मीदवारों से पूछेंगे कि वे चुनाव जीतने पर जन संगठनों की मांगों पर क्या कदम उठाएंगे। आम मतदाताओं से अपील की जाएगी कि जो उम्मीदवार इन मांगों पर गंभीर है उसी को वोट दें।
देहरादून सिटीजन फोरम के परमजीत सिंह कक्कड़ ने कहा कि डीसीएफ का पूरा समर्थन जन संगठनों के साथ है। यह अच्छी बात है कि जन संगठनों की ओर से भी पर्यावरण और 12वीं अनुसूची के विषय निकायों को सौंपे जाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में शहर में हरियाली और नशे को लेकर जनसंगठन लगातार आंदोलन करते रहे हैं। इन आंदोलनों को आगे बढ़ाने की जरूरत है और इन्हें आम लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।
इप्टा के हरिओम पाली ने कहा कि न संगठन नशे और पर्यावरण के मुद्दे पर लगातार आंदोलन करते रहे हैं। यह मांग पत्र इसलिए तैयार किया गया है कि आने वाले मेयर और पार्षद शहर के इन बड़े मुद्दों को समझें और इन पर अपना रवैया स्पष्ट करें। यह भी बताएं कि चुनाव जीतने के बाद वे नशे विरोध और पर्यावरण बचाने के लिए किये जाने वाले जन आंदोलन को किस तरह मदद करेंगे।
सिटीजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि देहरादून में हरियाली लगातार कम होती जा रही है। शहर के अब सिर्फ एक प्रतिशत हिस्से पर हरियाली रह गई है। इसे बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए उम्मीदवारों से उनकी राय मांगी जा रही है। सर्वाेदय मंडल के यशवीर आर्य ने कहा कि यह पहली बार है कि जब जनता की ओर से मुद्दों को उम्मीदवारों के सामने ले जाया जा रहा है। इसे और तेज किया जाएगा।
भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि उम्मीदवार और आम लोग शहर के प्रमुख मुद्दों को लेकर जागरूक हों। उन्होंने कहा कि हाल के सालों में देहरादून में बहुत बदलाव आये हैं, ऐसे में जरूरी है कि उम्मीदवार और मतदाता अपना दृष्टिकोण बदलें और वैज्ञानिक तरीके से विकास योजनाओं को कार्यान्वित करने के रास्ते पर चलें।