हल्द्वानी। हल्द्वानी के बच्चीनगर इलाके में मंगलवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक घर के भीतर दो सगे भाइयों के शव मिलने की जानकारी सामने आई। मृतकों की पहचान मनोज और सुनील के रूप में हुई है। हैरानी की बात यह रही कि दोनों भाइयों की लाशें पूरी रात घर के भीतर पड़ी रहीं, लेकिन मानसिक रूप से बीमार मां और मनोज की 12 वर्षीय बेटी परमिता को इसकी भनक तक नहीं लगी।
सुबह रोजमर्रा की तरह दादी और पोती उठीं, चाय पी और नाश्ते की तैयारी करने लगीं। इसी दौरान जब परमिता ने अपने पिता मनोज के ऊपर से कंबल हटाया तो वह खून से लथपथ मिले। इसके बाद उसने चाचा सुनील को आवाज दी, लेकिन वह भी अचेत अवस्था में पाए गए। घबराई परमिता ने तुरंत नजदीकी दुकानदार को घटना की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
परिजनों के अनुसार मनोज की शादी करीब 15 साल पहले रानीखेत निवासी लता से हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं, लेकिन करीब पांच साल पहले पत्नी दो छोटे बच्चों को लेकर घर छोड़कर चली गई थी। तब से मनोज के साथ सिर्फ बड़ी बेटी परमिता ही रह रही थी। चचेरे भाई अजय ने बताया कि मनोज और सुनील पहले पेंटर का काम करते थे, लेकिन धीरे-धीरे शराब की लत में पड़ गए। नशे के कारण दोनों का पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी विवाद रहता था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चीनगर और फतेहपुर इलाके में कच्ची और देसी शराब की खुलेआम बिक्री होती है। पुलिस को मृतकों के घर के आंगन से 15 से अधिक देसी शराब की बोतलें भी मिली हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। उधर, पिता और चाचा की मौत के बाद 12 साल की परमिता की परवरिश को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
