शंखनाद INDIA/किशन पाठक/गंगोलीहाट, पिथौरागढ़-: गुफाओं के रूप में प्रसिद्ध गंगावली क्षेत्र के सेल शिखर पर्वत की 21 गुफाएं अंधेरे में ही गुम है इन गुफाओं को विकसित कर पर्यटन सर्किट से जोड़ने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हुई है क्षेत्र की केवल एक गुफा पाताल भुनेश्वर ही निजी प्रयासों से अपनी पहचान बना पाई है।

मानस खंड में गंगा मैली क्षेत्र में 21 गुफाओं के अस्तित्व में होने का जिक्र है गंगावली क्षेत्र में पाताल भुवनेश्वर जैसी गुफा के अस्तित्व में रहने के बाद अन्य स्थानों पर भी गुफाओं की खोज इसके संरक्षण की आवाज उठने लगी है क्षेत्र में एक के बाद एक कुल अब तक आठ गुफाओं का पता लगा है।

जिनमें से अधिकांश गुफाएं ग्रामीणों द्वारा ही खोजी गई है सरकार की तरफ से इन गुफाओं के निकट गुफा तक पहुंचने के मार्ग के संकेत के लिए मात्र पर लगाया गया है क्षेत्र आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की पहल नहीं हो सकी है प्रदेश में पर्यटन विकास की दुहाई देने वाले नेता भाषणों में तो इन गुफाओं का जिक्र दोहराते रहते हैं लेकिन हकीकत में आज भी पाताल भुवनेश्वर छोड़कर अन्य उपेक्षित पड़ी है पुरातत्व विभाग ने मात्र बोर्ड भर लगाए हैं गुफाओं के विकास के लिए अभी तक कोई भी योजना नहीं बनी है ।

राज्य बनने के बाद गंगावली को गुफाओं की घाटी के रूप में विकसित करने के दावे जोर शोर से चले लेकिन लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई राज्य बने 20 वर्ष बीत गए लेकिन की घाटी नहीं बन सकी है जानकार मानते हैं कि गुफाएं अपने आप में इतिहास समेटे रहती हैं यह मात्र एक दर्शनीय स्थल ही नहीं अभी तो आस्था के केंद्र भी रहते हैं को बढ़ाओ जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देती हैं।

इस क्षेत्र की प्रमुख गुफाएं पाताल भुवनेश्वर पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं प्रतिवर्ष यहां पर हजारों की संख्या में विदेशी देसी व विदेशी पर्यटक पहुंचते रहते हैं सरकार को इन गुफाओं को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास करने होंगे ।तभी क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।।

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