शंखनाद INDIA/ नई दिल्ली
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एक मामला सामने आया है, जिसमें कलेक्टर साहब ने मानवता के आधार पर एक मिशाल दी है। बिलासपुर के कलेक्टर डां. संजय अलंग ने साल 2019 मे जब केंद्रीय जेल मे निरीक्षण के लिए पहुँचे, तो देखा, कि एक 5 साल की बच्ची अपने पिता से लिपट कर रो रही हैं।
जब कलेक्टर संजय ने बच्ची के बारे में पूछा, तो पूछने पर ज्ञात हुआ, कि बच्ची का पिता किसी अपराध में दोषी है और अपनी सजा काट रहा हैं। और रोती हुई 5 साल की बच्ची, कैदी की बेटी खुशी हैं। बच्ची के पिता ने 5 साल की सजा काट ली है, जबकि 5 साल और जेल में रहना हैं।
बच्ची जब 15 दिन की थी, तभी बच्ची की माँ की पीलिया के चलते मृत्यु हो गई थी। बच्ची के पालन पोषण के लिए घर में कोई नहीं था, इसलिए बच्ची को जेल में ही अपने पिता के पास रहना पड़ रहा हैं।
बच्ची की हालात व परिस्थित देख स्वयं कलेक्टर साहब ने बच्ची को अपनी कार में बिठाकर जेल से स्कूल तक छोड़ने गए। और शहर के जैन इंटरनेशनल स्कूल में इसको एडमिशन दिलाया। बच्ची स्कूल के हाॅस्टल में ही रहेगी। इसके लिए विशेष केयरटेकर का भी इंतजार किया गया है। बच्ची का सारा खर्च कलेक्टर साहब उठाते हैं।