ऋषिकेश। उत्तराखंड में नए साल की शुरुआत के साथ ही ऋषिकेश के लोगों और देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। गंगा नदी पर निर्माणाधीन अत्याधुनिक बजरंग सेतु को जल्द ही आम जनता के लिए खोलने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। यह सेतु वर्ष 1929 में बने ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला का स्थान लेगा, जिसे जर्जर हालत के कारण वर्ष 2019 में सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था।

लोक निर्माण विभाग (PWD) के अनुसार, पुल का निर्माण कार्य 26 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। हालांकि किसी तकनीकी कारण से यदि मामूली देरी होती है, तो भी जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह तक इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि गंगा पर बन रहा यह आधुनिक सस्पेंशन ब्रिज अब अपने अंतिम चरण में है और तय समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वर्ष 2026 की शुरुआत में यह पुल पूरी तरह जनता को समर्पित किया जा सके।

करीब 132 मीटर लंबे इस आधुनिक सस्पेंशन ब्रिज की लागत लगभग 68 करोड़ रुपये है। पुल का मुख्य ढांचा तैयार हो चुका है और डेक पर ग्लास लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। फिलहाल फाइबर रिइन्फोर्स्ड पॉलिमर (FRP) का काम चल रहा है। कुल 2400 वर्ग मीटर क्षेत्र में एफआरपी लगाया जाना है, जिसमें से लगभग 1200 वर्ग मीटर का कार्य पूरा हो चुका है। पुल का ग्लास डेक इसकी सबसे बड़ी खासियत है, जो गंगा के ऊपर से गुजरते समय पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा।

भौगोलिक रूप से ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित यह पुल प्रशासनिक तौर पर टिहरी और पौड़ी जिलों को जोड़ेगा। इसे और आकर्षक बनाने के लिए रंग-बिरंगी लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है, जबकि सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। उत्तराखंड का यह पहला आधुनिक ग्लास सस्पेंशन ब्रिज न सिर्फ आवागमन को आसान बनाएगा, बल्कि ऋषिकेश की पर्यटन पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई देने में भी अहम भूमिका निभाएगा।