धन सिंह रावत

प्रदेश के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा के डिजिटल इंफ्रास्ट्राक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन का नतीजा है कि उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक डिजिटल इंफ्रास्ट्राक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है।

शिक्षा के डिजिटल इंफ्रास्ट्राक्चर का तेजी से विस्तार

नई दिल्ली में आयोजित ‘‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम, 2025’’ में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि शिक्षा के सभी स्तरों पर उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। राज्य सरकार का फोकस प्रदेश में कौशल आधारित शिक्षा उपलब्ध कराना है ताकि प्रदेश का युवा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सशक्त भूमिका निभा सके।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2025 की 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर के शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, शिक्षकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और सरकारी प्रतिनिधियों ने एक मंच पर आकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रगति की समीक्षा की और भविष्य में शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

एनईपी-2020 लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य

उत्तराखंड सरकार एनईपी-2020 की अनुशंसा के अनुरूप राज्य में उच्च स्तरीय शैक्षणिक वातावरण विकसित करने में जुटी है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक डिजिटल इंफ्रास्ट्राक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले एनईपी-2020 को लागू किया और प्री-प्राइमरी स्तर पर लगभग 4 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में ‘बालवाटिका’ कक्षाएं शुरू की, जो सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्मार्ट क्लासेज व आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जिससे छात्र-छात्राएं ऑनलाइन अध्ययन के साथ-साथ प्रयोगात्मक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

इसी प्रकार उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम को एनईपी-2020 के अनुरूप तैयार किया गया। जिसमें चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट व्यवस्था और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम को लागू किया गया है। जिससे छात्र अपनी पसंद के विषय और विश्वविद्यालय चुन सके। साथ ही पहले वर्ष के बाद प्रमाण पत्र, दूसरे वर्ष के बाद डिप्लोमा और तीसरे वर्ष के बाद डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।