देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती उत्सव की शुरुआत हो गई है। इस विशेष अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को उत्तराखंड पहुंचीं। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया।
इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने 1424 छात्रों को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए। समारोह में 54 छात्रों को स्वर्ण पदक, 62 शोधार्थियों को पीएचडी और 3 छात्रों को डीलिट की उपाधि प्रदान की गई।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 64 प्रतिशत मेडल प्राप्त करने वाले छात्राएं हैं। उन्होंने कहा, “यह गर्व की बात है कि भारत की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और देश का मान बढ़ा रही हैं।”
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि विज्ञान और आध्यात्म के समन्वय से जीवन में संतुलन और आदर्श स्थापित किए जा सकते हैं। उन्होंने युवाओं को देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और पतंजलि विश्वविद्यालय के योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक योगदान की सराहना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू कर रही है और रिसर्च तथा नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के युवा अब नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं।”
वहीं, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने योग, आयुर्वेद और स्वदेशी ज्ञान के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों से देश के विकास में योगदान देने की अपील की।
राष्ट्रपति मुर्मू के इस दौरे के साथ ही उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के कार्यक्रमों की औपचारिक शुरुआत हो गई है। राष्ट्रपति अपने दौरे के दौरान राज्य में कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगी।
