उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव कि तैयारियो के बीच राज्य में नोटिस पर सियासत गर्मा गई है। दअरसल कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को आयकर विभाग ने नोटिस भेजकर 22 मार्च (आज) को तलब किया है। जिसपर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि गोदियाल को इनकम टैक्स विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस का जबाव समय पर देना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि इस वजह से उनके नामांकन में कोई दिक्कत आए। इसके साथ ही महेंद्र भट्ट ने कहा कि गणेश गोदियाल चुनाव में सहानुभूति हासिल करने के लिए इनकम टैक्स के नोटिस का रोना रो रहे हैं। वहीं महेंद्र भट्ट के इन आरोपों पर गणेश गोदियाल ने पलटवार किया है।

गणेश गोदियाल ने कहा है कि महेंद्र भट्ट आयकर नोटिस को पुराना बता रहे हैं, जबकि यह नोटिस उन्हें 19 मार्च को जारी किए गए हैं। यही नहीं आयकर विभाग के तीन अधिकारियों ने उनके मुंबई स्थित घर पर पहुंचकर नोटिस थमाया, इस दौरान अधिकारियों ने जो कुछ कहा उसे वो सार्वजनिक नही करना चाहते हैं। वही महेन्द्र भट्ट के सहानुभूति वाले बयान पर गणेश गोदियाल ने जवाब देते हुए कहा की यदि मै जनता की सहानुभूति का हकदार हूं तो फिर जनता के द्वारा दी गई सहानुभूति को महेंद्र भट्ट भी नहीं छीन सकते।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला है। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के खाते सीज किए जाने पर सरकार को घेरा है।कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए माहरा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार विपक्षी दलों के नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि आज देश के हालात भारत की छवि को खराब करने जैसे हो गए हैं, और देश को अच्छे लोकतंत्र के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन ईडी ,सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के माध्यम से विपक्षी दलों के नेताओं को प्रताड़ित करना केंद्र की नियति बन गई है।

माहरा ने कहा कि चुनाव के मैदान में सबको समान मौका मिलना चाहिए,किंतु ठीक चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के नेताओं को लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं। बीते रोज हुई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी उन्होंने जमकर हमला बोला है, कहा कल दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार किया गया उससे पहले संजय सिंह, चिदंबरम जैसे अनेकों विपक्षी दलों के नेताओं पर इस तरह की कार्रवाई की गई, और अब चुनाव में केंद्र सरकार के कहने पर केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से नोटिस भेजे जा रहे हैं।

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