रिपोर्ट: लक्ष्मण नेगी

रुद्रप्रयाग: केदार घाटी में लम्बे समय से अघोषित विद्युत कटौती होने से उपभोक्ताओं में ऊर्जा निगम के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। क्षेत्र में हो रही अघोषित विद्युत कटौती से भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में सुबह-शाम होने वाले वेदपाठ, नौनिहालों का पठन-पाठन, सरकारी गैर-सरकारी कार्यालयों का कामकाज तथा विधुत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों का व्यवसाय खासा प्रभावित हो रहा है। अघोषित विद्युत कटौती से आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है तथा रात्रि के समय बिजली गुल होने तथा आसमान में बादलों के गरजने पर आपदा प्रभावित एक दूसरे को टार्च दिखाकर रात्रि गुजारने के लिए विवश बने हुए हैं।

आलम यह है कि बिजली गुल होने पर आपदा प्रभावितों को टार्च का उजाला रात्रि गुजारने का आसरा बना हुआ है। विगत दिनों गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय के केदार घाटी आगमन पर ग्रामीणों ने अघोषित विद्युत कटौती से निजात दिलाने की मांग की थी मगर वर्तमान समय में भी अघोषित विद्युत कटौती जारी है।

कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनन्द सिंह रावत ने कहा कि एक तरफ विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के नाम पर देवभूमि उत्तराखंड के सीने को छलनी कर दिया है दूसरी तरफ अघोषित विद्युत कटौती होना प्रदेश सरकार व ऊर्जा निगम की उदासीनता को दर्शाता है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ का पानी व पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आने की कोरी घोषणा कर पहाड़ वासियों का दिल तो जीता था मगर सम्पूर्ण केदार घाटी में अघोषित विद्युत कटौती होने तथा यहां का युवा रोजगार के लिए दर – दर भटकने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथनी व करनी में जमीन आसमान का अन्तर हो गया है।

तल्ला नागपुर चोपता निवासी दीप राणा ने बताया कि क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होना आम बात हो गयी है तथा ऊर्जा निगम की लापरवाही के कारण नौनिहाल 70 के दशक की तरह मोमबत्ती के सहारे पढ़ने के लिए मजबूर बने हुए हैं। 18 अगस्त 1998 के आपदा प्रभावित मदमहेश्वर घाटी के गाँव बुरुवा निवासी मदन भट्ट ने बताया कि बिजली गुल होने तथा मूसलाधार बारिश होने पर मदमहेश्वर घाटी के आपदा प्रभावित एक-दूसरे को टार्च की लाइट दिखाकर रात्रि गुजारने के लिए विवश बने हुए हैं। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कर्मवीर कुवर ने बताया कि ऊर्जा निगम की लापरवाही के कारण क्षेत्र में लम्बे समय से अघोषित विद्युत कटौती जारी है जिससे नौनिहालों का पठन-पाठन, सरकार व गैर सरकारी कार्यालयों का कामकाज खासा प्रभावित हो रहा है।

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