जुगनू

जुगनू एक ऐसा प्राणी जिसको देख शायद हम सबका बचपन बीता होगा। लेकिन अब भौतिकवाद की चकाचौंध रात को टिमटिमाते जुगनू के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही है। देश में जुगनूओं के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। एक शोध के मुताबिक देश के 22 राज्यों में केवल 6,139 जुगनू बचे हैं।

जुगनुओं के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

गांव, कस्बों, नगर और महानगर शाम होते ही कृत्रिम प्रकाश की रोशनी में सराबोर हो रहे हैं। जिस कारण जुगनूओं के अस्तिव पर खतरा मंडराने लगा है। आपको बता दें कि बीते पांच व छह जुलाई को विश्व जुगनू दिवस पर ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय देहरादून के वरिष्ठ प्रो. वीरेंद्र प्रसाद उनियाल और डा. निधि राणा की पहल पर देशभर में जुगनू की गणना की गई।

देश के 22 राज्यों हैं केवल 6,139 जुगनू

भारतीय वन्य जीव संस्थान के सहयोग से दोनों वैज्ञानिकों ने विशेष क्यूआर कोड और लिंक की मदद से देश के 22 राज्यों में जुगनू की गणना कराई। इस गणना उत्तराखंड, केरल, राजस्थान, यूपी, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, झारखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के 232 लोग शामिल हुए। इस बार सिर्फ 6139 जुगनू मिले हैं।