भीमताल। नैनीताल जिले में जनवरी 2020 में चंदा देवी मंदिर के पास हुए नाजिम अली खान हत्याकांड में अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत ने प्रेम संबंध और आपराधिक साजिश के तहत हुई इस हत्या के मामले में अमरीन जहां और राधेश्याम शुक्ला को दोषी करार दिया है।

अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाया है, जबकि राधेश्याम शुक्ला को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी ठहराया गया है। अदालत सोमवार को दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान करेगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, हल्द्वानी निवासी अमरीन जहां और नाजिम अली के बीच पहले से प्रेम संबंध थे। बाद में नाजिम की किसी अन्य महिला से शादी हो गई और उसने अमरीन का खर्चा-पानी देना बंद कर दिया, जिससे वह नाराज थी। इसी नाराजगी के चलते अमरीन ने अपने परिचित राधेश्याम शुक्ला के साथ मिलकर नाजिम की हत्या की साजिश रची।

घटना जनवरी 2020 की है, जब अमरीन नाजिम को भीमताल घुमाने के बहाने अपने साथ ले गई। काठगोदाम-भीमताल रोड पर हेयरपिन बैंड के पास राधेश्याम शुक्ला ने 315 बोर के तमंचे से नाजिम को गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हत्या के बाद अमरीन ने मृतक के मोबाइल फोन से उसके भाई वाजिद अली को फोन कर झूठी सूचना दी कि नाजिम का एक्सीडेंट हो गया है। उसी शाम थाना भीमताल में हत्या का मामला दर्ज किया गया।

जांच के दौरान कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और फॉरेंसिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि घटना के समय दोनों आरोपी घटनास्थल पर मौजूद थे। मौके से बरामद कारतूस और खून का नमूना मृतक से मेल खा गया। बचाव पक्ष कोई ठोस सफाई पेश नहीं कर सका, जिसके आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया।