15 दिनों में हो कामों की जिलास्तर पर समीक्षा

इस साल अभी तक 18 हजार परिवार 100 दिन का रोजगार पूरा कर चुके हैं और यदि इन्हें 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जाता है तो कुल अतिरिक्त खर्च 18.09 करोड़ रुपये का वहन राज्य सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की 15 दिनों में जिला स्तर पर समीक्षा करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान की कार्य की भरपाई करने के लिए और मेहनत की आवश्यकता है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य योजना एवं जिला योजना में विभागों में मनरेगा के तहत आसानी से हो सकने वाले कार्यों को  मनरेगा से कराने में प्राथमिकता दी जाए जिससे राज्य एवं जिला योजना की धनराशि का किसी अन्य कार्य में सदुपयोग किया जा सके.

53.63 फीसदी महिलाएं हैं मनरेगा मजदूर

राज्य में मनरेगा के तहत कुल 12.19 लाख जॉब कार्ड बने हैं जिसमें से 67.19 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्ड धारक है। जॉब कार्ड धारकों में 53.65 प्रतिशत महिलाएं है. राज्य में पिछले एक साल में 2.66 लाख जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है.मनरेगा के तहत ससमय भुगतान एवं जॉब कार्ड सत्यापन में उत्तराखण्ड पर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंकिंग है. मनरेगा के तहत न्यूनतम अकुशल मजदूरी प्रतिदिन 201 रुपये है.

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें