Manipur : मणिपुर के मैतेई और कुकी विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग-अलग पत्र लिखे हैं और जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में असम राइफल्स के मुद्दे पर अलग-अलग मांग की है। राज्य के 40 विधायकों ने पत्र लिखा है। इनमें से अधिकतर मैतई समुदाय से संबंध रखते हैं। मैतई समुदाय के विधायकों की तरफ से कहा गया कि राज्य से देश के सबसे पुराने अर्ध-सैनिक बल को हटा दिया जाए। वहीं, 10 कुकी विधायकों ने पीएम मोदी से ऐसा न करने का आग्रह किया और कहा कि इससे आदिवासियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। मैतई और कुकी समुदाय के बीच झड़प के बाद स्थिति पर काबू पाने के लिए मई की शुरुआत में असम राइफल्स और सेना सहित अन्य केंद्रीय बलों को मणिपुर में तैनात किया गया था।

Manipur : मैतई समुदाय के विधायकों ने असम राइफल्स को हटाने की मांग की

मैतई समुदाय के विधायकों ने कहा कि असम राइफल्स को वहां से हटा दिया जाए और राज्य की सुरक्षा के साथ- साथ भरोसेमंद केंद्रीय बल को तैनात किया जाए, जो राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहयोग करे। वहीं, दूसरी तरफ कुकी समुदाय के विधायकों ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि राज्य में हथियारों और गोला-बारूद के साथ बड़े पैमाने पर विदेशी घुसपैठ हुई है। राज्य में केंद्रीय बलों और इन विद्रोही सशस्त्र समूहों के बीच लगातार संघर्ष होता रहा है।

Manipur : कुकी समुदाय के विधायकों ने की यह मांग

विधायकों ने जोर देकर कहा कि असम राइफल्स समय की कसौटी पर खरी उतरी और मणिपुर में बिना किसी भेदभाव के अपना काम किया है। उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह करते हुए कहा कि असम राइफल्स को राज्य से ना हटाया जाए। इससे काफी ज्यादा नुकसान होगा। बीते 5 अगस्त को मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के बीच नोंक-झोंक की जानकारी सामने आई थी। मणिपुर पुलिस ने कहा था कि असम राइफल्स के जवान कुकी समुदाय के लोगों के साथ मिले हुए हैं। साथ ही, उन्होंने पुलिस का रास्ता रोकने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं, मणिपुर में कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने जातीय हिंसा के मुद्दे को बातचीत के जरिये हल करने को लेकर विधानसभा के आपातकालीन सत्र को बुलाने की मांग की है। Also Read : आदिवासी संगठन से मिल सकते हैं अमित शाह, Manipur भेजी गई 10 कंपनियां