शंखनाद INDIA/ऋषिकेश-: कल ऋषिकेश के मनसा देवी इलाके में वन विभाग की जमीनों को कब्जाने की खबर दिखाने पर स्थानीय भू माफियाओ गोपाल नेगी व जितेंद्र भट्ट ने अपने कई साथियों के साथ पत्रकारों पर जानलेवा हमला कर दिया जिसमे की BHBC न्यूज के उत्तराखंड हेड शहजाद अली को काफी गंभीर चोटें आई हैं उनकी हालत को देखते हुए ऋषिकेश अस्पताल ने उनको AIIMS रेफर कर दिया। दरसल 11 दिसबंर 2020 को एक पोर्टल में खबर दिखाई थी कि कैसे वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से स्थानीय भूमाफिया वन विभाग की भूमि को कब्जा रहे हैं तो उस बात का DFO देहरादून श्री राजीव धीमान ने संज्ञान लेते हुए अपने रेंजर को उस स्थान पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने व प्लॉटिंग को ध्वस्त करने के आदेश दिए।

परंतु वहां पर जब कल पत्रकार पहुचे तो देखा कि उस आदेश की केवल खाना पूर्ती की गई है। जैसे ही पत्रकारों द्वारा इसकी रिपोर्टिंग शुरू की गई तो वहाँ पर जितेंद्र भट्ट व उनका एक साथी आए व पत्रकारों से बत्तमीजी व हाथापाई शुरू कर दी व मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगे। फिर जितेंद्र भट्ट द्वारा अपने अन्य साथियों को बुलाया गया व उन सभी ने पत्रकारों पर ईंट पत्थर व लाठियों से जानलेवा हमला कर दिया जिसमे कि सभी पत्रकारों को काफी चोटें आई हैं।

पत्रकारों पर जानलेवा हमले में पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में कल ऋषिकेश के मनसादेवी इलाके में वन विभाग की भूमि पर कब्जे करने की खबर का संज्ञान लेने गए मीडिया कर्मियों पर वहां के भूमाफिय गोपाल नेगी व जितेंद्र भट्ट ने अपने 20-25 साथियों के साथ जानलेवा हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने केवल आईपीसी. की धारा 308,392,504, FIR दर्ज करवा के अपनी खानापूर्ति कर दी, इतनी संगीन धाराओं में होने के बाद भी अभी तक पुलिस ने ना ही कोई पूछताछ या गिरफ्तारी की है। पुलिस पत्रकारों पर हुए हमले को कितनी संगीनता से ले रही है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हो कि मोबाइल फोन छीनने की धारा 392 लगने के बाद भी पुलिस ने छीने हुए मोबाइल की कोई भी जानकारी पीड़ित पक्ष से नहीं मांगे ।

आज जब कुछ पत्रकार पुलिस अधीक्षक ग्रामीण प्रमेन्द्र डोबाल से मिलने गए तो इस बात को सुनते ही उनके होश उड़ गए फिर उन्होंने मोबाइल नम्बर मांग के उन दोनों फोनों को सर्विलांस पर लगाने की बात कही। पर अब सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना के 24 घण्टे होने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।