मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में यूपीसीएल के ऊर्जा भवन में निदेशक मंडल की 124वीं बैठक आयोजित हुई।बैठक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से  जुड़े प्रोजेक्ट्स की प्रगति, समस्याओं और ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा किया जाए और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय व किफायती बिजली उपलब्ध कराने के लिए कार्यों को बेहतर ढंग से लागू किया जाए। तकनीकी पहलुओं के स्पष्ट विश्लेषण के लिए निदेशक मंडल में एक तकनीकी सदस्य की नियुक्ति करने तथा UERC द्वारा पारित टैरिफ ऑर्डर को बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कंपनियों की बढ़ी हुई अधिकृत पूंजी की जानकारी सरकार के साथ साझा करने और सितंबर 2025 तक ERP (उद्यम संसाधन योजना) को पूरी तरह लागू करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सीमांत जिलों के उन गांवों को, जो अभी तक केवल सौर ऊर्जा पर निर्भर हैं, ग्रिड आधारित बिजली से जोड़ने के निर्देश भी दिए। बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, स्वतंत्र निदेशक मंडल के सदस्य बी.पी. पांडेय और पराग गुप्ता, यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार, पिटकुल के पी.सी. ध्यानी और यूजेवीएनएल के संदीप सिंघल मौजूद रहे।

वोल्टेज सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम

बैठक में निदेशक मंडल ने प्रदेशभर में वोल्टेज की गुणवत्ता सुधारने के लिए 76 हजार से अधिक ट्रांसफार्मरों पर कैपेसिटर बैंक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके अलावा, 100 मेगावाट क्षमता का बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) स्थापित करने की सहमति भी दी गई, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं के लिए सस्ती ब्याज दर पर ऋण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों का आकलन किया जाए। निगम ने अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि हुई है, उपभोक्ता संतोष रैंकिंग में सुधार हुआ है और AT&C हानियों में भी कमी आई है।