राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने महिला सशक्तिकरण को देश की प्रगति का आधार बताते हुए कहा कि महिलाओं को सामाजिक बेड़ियों और रूढ़ियों से मुक्त करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। वे महाराष्ट्र के सोलापुर में ‘उद्योगवर्धिनी’ संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

महिलाएं समाज की रीढ़

कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ होती हैं। वे सिर्फ घर और परिवार का ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के संस्कार और सोच का भी निर्माण करती हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल सामाजिक सुधार नहीं, बल्कि देश के समग्र विकास की कुंजी है।

महिला बढ़ेगी तो समाज बढ़ेगा

भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि महिलाओं को ऊपर उठाने की बात करना पुरुषों का अहंकार है। उन्होंने कहा, “महिलाओं को सिर्फ स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए, ना कि उन्हें निर्देशित करने की कोशिश करनी चाहिए। जब एक महिला आगे बढ़ती है, तो समाज अपने आप आगे बढ़ता है।”

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयासों की सराहना

इस मौके पर उन्होंने ‘उद्योगवर्धिनी’ संस्था द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास देश में सकारात्मक बदलाव की नींव रखते हैं।