भारत-पाकिस्तान के बीच उपजी युद्ध की स्थिति में विराम लगने से देवभूमि के पर्यटन स्थलों में रौनक लौटने की उम्मीद फिर से जग गई है। धड़ल्ले से निरस्त हो रही होटलों की बुकिंग में भी अंकुश लगेगा। रसातल में पहुंच रहे पर्यटन सीजन को लेकर व्यवसायियों के चेहरों की रंगत उड़ गई थी, लेकिन अब उनके चेहरे फिर से खिल गए हैं। पिछले तीन दिन से मसूरी और समीपवर्ती पर्यटन स्थल के होटलों की बुकिंग में 30 से 40 प्रतिशत गिरावट हुई थी और हर समय गुलजार रहने वाली मसूरी की माल रोड भी शाम होते ही खाली होने लगी थी। लेकिन अब फिर से पर्यटन सीजन के पटरी पर लाैटने के आसार दिखने लगे हैं।
सामान्य होने लगे हालात
बीते सालों में मई मध्य तक मसूरी पूरी तरह से पर्यटकों से पैक रहा करती थी। लेकिन 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आंतकवादियों द्वारा जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के साथ की गई कायराना हरकत और इसके जवाब में भारत की ओर से किया गया आपरेशन सिंदूर ने पूरे देश का माहैाल तनावपूर्ण कर दिया था। सात मई से इसका प्रभाव मसूरी में दिखने लगा था। पिछले तीन दिन में मसूरी, धनौल्टी, काणाताल, बुराशंखंडा और केम्पटी क्षेत्र के होटलों की बुकिंग में 30 से 40 प्रतिशत गिरावट हुई। शनिवार को छुट्टी के दिन भी मसूरी में पर्यटकों की संख्या आमदिनों की अपेक्षा काफी कम रही। लेकिन अब हालात सामान्य होने लगे हैं और इससे पर्यटन कारोबार में फिर से उछाल आएगा।
चारधाम यात्रा वाहनों की आमद में कमी दर्ज
पर्यटकों की संख्या कम होने के कारण बीते गुरुवार से मसूरी में यातायात जाम जैसी स्थिति भी नहीं रह गयी थी। चार धाम यात्रा वाहनों की आमद में भी कमी दर्ज की गयी। जबकि पर्यटन सीजन शुरू होते ही रोजाना मसूरी मार्ग पर भारी जाम लगता था। पिछले सप्ताह तक मसूरी में भारी जाम रहा। जिससे वाहनों को मसूरी से बाहर रोककर पर्यटकों को शटल सेवा से भेजा गया था। वहीं, अब स्थिति नियंत्रण में होने के बाद मसूरी में फिर से वाहनों का दबाव बढ़ेगा।
बड़ी संख्या में बुक होटलों की बुकिंग हुई रद्द
पर्यटन नगरी लैंसडौन पहुंचने वाले पर्यटकों के कदम अब भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के कारण ठिठकने लगे थे। बीते दिन में बड़ी संख्या में बुक होटलों की बुकिंग रद हुई। जिससे पर्यटन व्यवसाय पर भी बुरा असर देखने को मिला। शनिवार को लैंसडौन में पर्यटकों की रौनक अपेक्षाकृत काफी कम देखने को मिली। लेकिन अब फिर से लैंसडौन में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी।
उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन गतिविधियों पर पड़ा असर
भारत-पाकिस्तान के मध्य बढ़े तनावपूर्ण हालात का असर उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन गतिविधियों पर भी पड़ा। शनिवार को हरिद्वार स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी रही। हरकी पैड़ी, मालवीय द्वीप, सुभाष घाट और अन्य प्रमुख स्थलों पर अपेक्षाकृत यात्रियों की संख्या कम रही। बड़ी संख्या में होटलों की बुकिंग निरस्त हुई। हालांकि अब उम्मीद है कि फिर से धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।