मानसून की दस्तक के साथ ही बारिश ने अपना रोद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया है। बारिश के ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से कई जगह तबाही हुई है। बंजार, सैंज कुल्लू, मणिकर्ण से लेकर मनाली तक जिले में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की घटनाएं सामने आई हैं।  बुधवार को कुल्लू के सैंज के जीवानाला, गड़सा के शिलागढ़, मनाली के स्रो गैलरी, बंजार के होरनगाड़ में बादल फटने की घटना हुई है। इसी प्रकार गड़सा घाटी में हुरला नाला, पंचा नाला और मनिहार नाला, मणिकर्ण के ब्रह्म गंगा नाला, ग्ररहण, कुथी काकड़ी नाला तथा जिभी के पास कोटलाधार के पास भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। प्रशासन ने शिल्लागढ़ क्षेत्र में भी बादल फटने की आशंका जताई है। सैंज के जीवानाला में बादल फटने से पूरी घाटी में दहशत का माहाैल रहा।  अतिरिक्त उपायुक्त अश्वनी कुमार ने बादल फटने की पुष्टि की है।  कांगड़ा जिले की खनियारा की मनूणी खड्ड में एक व्यक्ति की बहने से माैत हो गई है। प्रदेश की राजधानी शिमला में भी भारी बारिश दर्ज की गई।

एक मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट बहा

सैंज बाजार रोड़ क्षतिग्रस्त हो गई और एक जीप व जीवानाला में एक मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट भी बह गया है। सियूंड मार्ग को भी नुकसान होने से यहां पर एक अस्थायी दुकान बह गई है। सैंज घाटी के रैला बिहाल क्षेत्र में बादल फटने से चार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस घटना में तीन व्यक्तियों के बह जाने की सूचना है, जो सामान निकालते समय हादसे का शिकार हो गए। जिला प्रशासन की ओर से राहत, खोज एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। जीवानाला में बादल फटने से बिहाली गांव से लेकर लारजी तक सात से अधिक पुलियों के बहने की सूचना है।

बंजार में छोटा पुल तथा एक वाहन बहा

बंजार उपमंडल के होरनगाड़ में बाढ़ से बंजार-बठाहर सड़क पर बना एक छोटा पुल तथा एक वाहन भी बह गया है। होरनगाड़ पटवार सर्कल चैहणी में एक गोशाला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है और कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं सरकारी प्राथमिक विद्यालय होरनगाड़ में भी पानी और मलबा घुस गया है। गड़सा घाटी में हुरला नाला, पंचा नाला और मनिहार नाला में पैदल पुल के साथ कई पुलियां बह गई हैं। जिला प्रशासन कुल्लू ने बादल फटने व बाढ़ की सूचना के बाद राहत और बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन की टीमें भेजी हैं। इन प्रभावित क्षेत्रों में सर्च और रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। अतिरिक्त उपायुक्त कुल्लू अश्वनी कुमार ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम भी जिला में पूर्व से ही तैनात है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई शुरू की जा सके। कहा कि जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सड़क बनी तालाब, बंद करनी पड़ीं दुकानें

कांगड़ा के थुरल इलाके में दो घंटे मूसलाधार बारिश से बाजार में जलभराव हो गया। इससे राहगीरों और दुकानदारों को भारी परेशानी हुई। लोअर बाजार की दुकानें सड़क पर पानी भर जाने से बंद करनी पड़ीं। बाजार में पानी की निकासी नहीं होने के कारण सड़क पर वाहनों के गुजरने से नालियों का गंदा पानी राहगीरों और दुकानों पर पड़ रहा है। थुरल बाजार की सड़क ने नाले का रूप धारण किया। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के स्पीति में क्योटो और चिचम लिंक रोड के बीच अचानक आई बाढ़ से 20 से 25 पर्यटक फंस गए हैं। काजा से समदो मार्ग कई जगह भूस्खलन और नालों में बाढ़ के कारण अवरुद्ध हो गया है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को इस मार्ग पर यात्रा न करने की सख्त हिदायत दी है। इधर, लाहौल उपमंडल में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन की टीमें पर्यटकों को निकालने के प्रयास में जुटी हैं। मणिकर्ण घाटी के बलाधी गांव में पार्वती नदी पर बनी अस्थायी पुलिया जलस्तर बढ़ने से बह गई है। पुलिया का एक हिस्सा पूरी तरह से बह गया है। पुलिया के बहने से बलाधी गांव का संपर्क कट गया है। वर्ष 2024 में आपदा के बाद ग्रामीणों ने इसे स्वयं तैयार किया था। गांव की ओर आवाजाही करने के लिए एकमात्र विकल्प था अब ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।