देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल एआई से बनाए गए कथित फर्जी वीडियो के विरोध में भाजपा मुख्यालय तक एकांकी मार्च किया। मार्च के दौरान पुलिस ने सुरक्षा कारणों से बैरिकेडिंग कर उन्हें भाजपा मुख्यालय से पहले ही रोक दिया, जिससे माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली।

बैरिकेडिंग के बाद हरीश रावत सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और प्रदेश सरकार व भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि समाज में झूठ और भ्रम फैलाने के उद्देश्य से एआई तकनीक का दुरुपयोग कर उनके नाम और चेहरे से जुड़ा एक फर्जी वीडियो तैयार किया गया, जिसे सोशल मीडिया पर जानबूझकर प्रचारित किया गया। रावत ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

धरने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं से विभिन्न विभागों में भर्तियां कराने का वादा किया था, लेकिन यह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है। सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए युवाओं की उम्र सीमा लगातार पार होती जा रही है, जिससे उनमें निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है।

हरीश रावत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने ऐलान किया कि 30 जनवरी 2026 को देहरादून के गांधी पार्क में 24 घंटे का धरना दिया जाएगा।