शंखनाद INDIA/मुन्ना अंसारी/लालकुआँ :- उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोक पर्व मकर संक्रांति एवं घुघुतिया बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जा रहा है घुघुतिया के मौके पर लोग घरों में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ अपने इस लोक पर्व को मना रहे हैं।

खासकर पर्वतीय इलाकों से भाबर में विस्थापित हुए लोग भी अपनी लोक संस्कृति और लोक परंपरा को आज भी उतनी ही शिद्दत के साथ जीवित रखे हुए हैं जितना कि सालों पहले से पहाड़ों की वादियों में मनाते थे। पहाड़ से तराई भाबर में बसे लोग आज के दिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति घुघुतिया मना रहे हैं लोग सुबह से ही अपने घरों में गुड़ तिल आटा सौंफ सहित अन्य सामग्री मिलाकर घुघुती तैयार कर रहे हैं।

घुघुतिया त्यौहार में विशेष रुप से पकाए जाने वाले पकवानों को 1 दिन पूर्व तैयार कर सुखाया जाता है और फिर मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर तला जाता है और भगवान को भोग चढ़ाकर गाय को खिलाकर और कौवे को दिया जाता है। घुघुतिया त्यौहार के पीछे चंद्र वंश के राजा कल्याण चंद्र के पुत्र की कहानी जुड़ी हुई है तो वही ब्रिटिश हुकूमत के दौरान कुली बेगार प्रथा को समाप्त करने के लिए भी सरयू तट के किनारे इस दिन बड़ा जन आंदोलन हुआ था। पहाड़ के विस्थापित लोग भाबर में आज इस त्यौहार को उतने ही लोक सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाते हैं जितना कि कभी पहाड़ों में अपने पूर्वजों के साथ घर की बाख़लियो में मनाया जाता था ।

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें