शंखनाद INDIA/मुन्ना अंसारी/लालकुआँ :- हल्दूचौड़ गायत्री शक्तिपीठ हल्दूचौड़ में आज मकर संक्रांति के पर्व पर 280 संस्कार संपन्न कराए गए इस अवसर पर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए 4 जगहों पर अलग-अलग पारियों में सभी संस्कार संपन्न कराए गए गायत्री शक्तिपीठ में आज गायत्री शक्तिपीठ के अलावा गायत्री कुंज खष्टी देवी इंटर कॉलेज तथा राजकीय इंटर कॉलेज इन चार स्थानों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई थी ।

जहां यज्ञोपवीत विद्यारंभ एवं अन्य संस्कार कराए गए जबकि मुंडन संस्कार गायत्री शक्तिपीठ के अंदर यज्ञशाला में कराए गए आचार्य हरीश चंद्र तिवारी ने कहा कि गायत्री भारतीय संस्कृति का सबसे मजबूत एवं महत्वपूर्ण स्तंभ है गायत्री को जीवन में धारण करने वाला व्यक्ति कभी निराश नहीं होता क्योंकि वास्तव में मनुष्य का जीवन तभी सफल होता है जब उसके जीवन में गायत्री का सानिध्य प्राप्त हो जाता है क्योंकि गायत्री को कामधेनु और कल्पवृक्ष कहा गया है यह वेदों की जननी है ।

इसके 24 अक्षर परम पवित्र है गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने वाले के ऊपर मां गायत्री का वरद हस्त बना रहता है और जो उसके ऊपर रक्षा कवच का कार्य करती है इस अवसर पर हेमंत जोशी चंद्र शेखर सुयाल रंजीत भाई रतन जी सरस्वती सुयाल खट्टी देवी दीप्ति भट्ट राधा खाती मीनाक्षी पांडे राजेंद्र प्रसाद तिवारी, बीना सनवाल माया पांडे कमला बिष्ट योगेश दुमका नरेंद्र बृजेश गणेश नेगी आदि गायत्री पीठ के समय दानी कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं का सफल संचालन किया ।

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