वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना इस्तीफा दे दिया है। रविवार शाम उन्होंने मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम धामी को अपना त्यागपत्र सौंपा। इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की ही प्रतिक्रिया सामने आई है।
प्रेमचंद अग्रवाल ने रखा जनभावनाओं का ध्यान
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे पर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि उन्होंने अपने वक्तव्य पर माफी मांगने के अलावा इस्तीफा देकर शिष्टाचार का आदर्श प्रस्तुत कर जन भावनाओं का सम्मान किया, लेकिन सवाल कांग्रेस के सामने नैतिकता का है कि कांग्रेस के जिन विधायकों ने विधान सभा में गाली गलौज की उन्होंने न तो खेद व्यक्त किया और न ही इस्तीफ़ा दिया कांग्रेस के विधायक कब माफ़ी माँगेंगे?
चौहान ने कहा हैं कि संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जनभावनाओं का ध्यान रखा। पहले खेद व्यक्त किया फिर माफ़ी भी माँगी और इस्तीफ़ा भी दिया। विधान सभा परिसर के अंदर असंसदीय भाषा का प्रयोग कांग्रेस के विधायको ने भी किया था। क्या कांग्रेस के नेताओं में इतनी नैतिकता बची है की जो उनके विधायकों ने अनुचित एवं मर्यादा रहित शब्द बोले थे को लेकर अपने विधायकों का स्पष्टीकरण लें।
उनका अहंकार उन्हें ले डूबा – कांग्रेस
जहां एक ओर बीजेपी कह रही है कि उन्होंने जनभावनाओं का ध्यान रखा तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि उनका अहंकार उन्हें ले डूबा है। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका अहंकार उन्हें ले डूबा है।
वहीं कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल का भी इस पर बयान सामने आया है। उनका कहना है कि उनके इस्तीफे के साथ ही ये लड़ाई नहीं रूकेगी। ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सीएम धामी उत्तराखंड के लोगों से माफी नहीं मांग लेते कि उन्होंने इस मामले में उनका संरक्षण क्यों किया।