मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘नशा मुक्त उत्तराखण्ड अभियान’ चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके।
छात्रों को कराया गया नशे के दुष्प्रभावों से अवगत
इसी क्रम में देहरादून के नेहरूग्राम स्थित इंडियन एकेडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी।
युवा पीढ़ी को बनाना है नशा मुक्त
इस अवसर पर सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत युवा पीढ़ी को नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त बनाया जा रहा है। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।
छात्रों में आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुँचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने कहा कि इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।