उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, यहां हर कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। हर कदम पर यहां मां दुर्गा और अन्य देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे। अगर आप नवरात्रि में उत्तराखंड आ रहे हैं तो आपको इन पांच मंदिरों के दर्शन जरूर करने चाहिए।
नवरात्रि में जरूर करें इन पांच मंदिरों के दर्शन
नवरात्रि में आपको इन पांच मंदिरों के दर्शन जरूर करना चाहिए। हमारी लिस्ट में सबसे पहला मंदिर है टिहरी जिले में स्थित सुरकंडा देवी मंदिर। ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है यहीं पर माता सती का सिर गिरा था। मान्यता है कि अगर इंसान यहां आता है उसके पाप धूल जाते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान भी मिलता है। लिस्ट में दूसरा मंदिर है हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर जहां दर्शन के लिए देशभर से लोग पहुंचते हैं। मान्यता है कि देवी मनसा भगवान शिव की मानस पुत्री हैं। ‘मनसा’ शब्द का अर्थ है “मन की इच्छा से उत्पन्न”, यही कारण है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा मां पूरी करती हैं।
उत्तराखंड की रक्षक धारी देवी
लिस्ट में अगला मंदिर है धारी देवी मंदिर, उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित धारी देवी को उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है। इसके साथ ही इन्हें चारधामों की रक्षक देवी भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा तब तक पूरी नहीं होती जब कर मां धारी के दर्शन ना किए जाएं। लिस्ट में अगला मंदिर है अल्मोड़ा का नंदा देवी मंदिर। इसका निर्माण चंद वंश के शासकों ने करवाया था। देवी भागवत में नंदा को शैलपुत्री के रूप में 9 देवियों में एक माना गया है। इसलिए नवरात्रों में यहां खासी भीड़ देखने को मिलती है।
हमारी लिस्ट में अगला मंदिर है नैनीताल का प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर। ये मंदिर शक्तिपीठों में से एक है यहीं पर माता सती के नैन गिरे थे इसी कारण इस मंदिर का नैना देवी मंदिर पड़ा। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से आंखों से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।