Delhi : राजधानी दिल्ली में बारिश के बाद वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से गिरा है। बारिश के बाद एक्यूआई गंभीर स्तर से गिरकर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार बीते 6 सालों में सबसे स्वच्छ हवा में इस बार दिवाली मनेगी। दिल्ली में आज ओवरऑल वायु गुणवत्ता (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 282, आरके पुरम में 220, पंजाबी बाग में 236 और आईटीओ में 263 रहा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, ”बारिश होने के बाद दिल्ली में AQI 450 से कम होकर आज सुबह 225 पर आ गया है। इस बारिश का कितने दिन तक असर रहेगा, ये कहना जल्दबाजी होगा…लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। नियमों का सभी लोग पालन करें. दिवाली दीए जलाकर मनाएं, पटाखे न जलाएं।

Delhi : वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 दर्ज

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह हल्की धूप खिलने के साथ ही साफ-नीला आसमान दिखा और लोगों को पिछले दो सप्ताह से जारी दमघोंटू धुंध से राहत मिली। शहर में शनिवार सुबह सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 219 दर्ज किया गया, जो बृहस्पतिवार के पिछले 24 घंटे के औसत एक्यूआई 437 से काफी बेहतर है। दिल्ली के मौसम में यह उल्लेखनीय सुधार पिछले 30 से 32 घंटों में रुक-रुककर हुई बारिश और प्रदूषकों को तितर-बितर करने वाली हवा की अनुकूल गति के कारण हुआ है। शहर में 28 अक्टूबर के बाद से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ में दर्ज की गई है। पड़ोसी शहर गुरुग्राम में एक्यूआई 181, गाजियाबाद में 157, ग्रेटर नोएडा में 131, नोएडा में 148 और फरीदाबाद में 174 दर्ज किया गया, जो वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है।

Delhi : वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान

मौसम विभाग ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था। अधिकारियों ने कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। आईएमडी के अधिकारी ने पूर्व में कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दीपावली (12 नवंबर) से पहले प्रदूषक तत्वों के तितर-बितर होने की संभावना है। दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बृहस्पतिवार को 33 प्रतिशत, जबकि शुक्रवार को 17 प्रतिशत रहा था। Also Read : Uttarakhand News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बद्रीनाथ धाम के किए दर्शन, देश की खुशहाली की कामना की