देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) कार्यालय में शुक्रवार को विकास कार्यों के टेंडर के दौरान उस समय हंगामा हो गया, जब ठेकेदार आपस में भिड़ गए। पहले कहासुनी हुई और फिर मामला मारपीट तक पहुंच गया। स्थिति बिगड़ती देख प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। घटना को गंभीरता से लेते हुए एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने तत्काल प्रभाव से पूरी टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही मारपीट और कार्यालय में हंगामा करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
प्राधिकरण की ओर से दून शहर, विकासनगर और ऋषिकेश में करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से 150 से अधिक विकास कार्यों के लिए टेंडर जारी किए गए थे। शुक्रवार दोपहर तीनों क्षेत्रों के ठेकेदार एमडीडीए कार्यालय पहुंचे। आरोप है कि विकासनगर और ऋषिकेश के कुछ ठेकेदारों ने देहरादून के ठेकेदारों को टेंडर डालने से रोक दिया और केवल अपने-अपने क्षेत्रों के टेंडर डालने का दबाव बनाया। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो बाद में मारपीट में बदल गया।
घटना की जानकारी मिलते ही उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने स्पष्ट कहा कि कोई भी ठेकेदार किसी भी क्षेत्र के टेंडर में भाग लेने के लिए स्वतंत्र है। नियमों के विरुद्ध दबाव या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बीच दून शहर के ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि नगर निगम और एमडीडीए में टेंडर प्रक्रिया के दौरान सिंडिकेट हावी होता जा रहा है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। ठेकेदारों ने पुलिस प्रशासन से मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। भंवर सिंह पुंडीर, अल्का पुंडीर, ओम कंस्ट्रक्शन, जय दुर्गा कंस्ट्रक्शन और सक्षम सहित अन्य ठेकेदारों ने टेंडर निरस्तीकरण के लिखित आदेश जारी करने की भी मांग उठाई है।
