प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। ऐसे में सांसदों की गैरहाजरी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने सवाल पूछा है कि आपदाकाल में गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी और टिहरी सांसद महारानी कहां नदारद हैं ?

कांग्रेस ने सांसदों की गैरहाजरी पर उठाए सवाल

आज प्रदेश के सभी पर्वतीय जिलों में आपदा के कारण राष्ट्रीय राज मार्ग ऋषिकेश से गुप्तकाशी व ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक सैकड़ों स्थानों पर भूस्खलन आया हुआ है और दर्जनों स्थानों पर चौबीस घंटों से लेकर अनेक दिनों तक मार्ग बाधित रहे यही हाल कमोबेश यमुनोत्री धाम व गंगोत्री धाम को जाने वाले राष्ट्रीय राज मार्गों का है। लेकिन गढ़वाल के सांसद व टिहरी की महारानी सांसद परिदृश्य से गायब हैं और गढ़वाल की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

आपदाकाल में कहां नदारद हैं सांसद ?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि गढ़वाल के सांसद आखिरी बार गढ़वाल बरसात शुरू होने से पहले जून के पहले सप्ताह में आए थे और टिहरी की सांसद महारानी तो चुनाव के बाद यदा कदा ही दिखाई पड़ी। जबकि दस जून से लेकर आज तक पूरे गढ़वाल में हजाओं संपर्क मार्ग ध्वस्त हुए राष्ट्रीय राज मार्गों पर भूस्खलन, चट्टान गिरने ,सड़क वाश आउट होने सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाने की असंख्य घटनाएं घट गईं। लेकिन ना तो गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी और ना ही टिहरी सांसद महारानी विजय लक्ष्मी शाह कहीं जनता के बीच दिखाई दीं जो अत्यंत खेद का विषय है।

दोनों सासंद नहीं पहुंचे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चार धाम यात्रा में पांच हैली दुर्घटनाएं हो गई जिसमें तरह लोगों की जान चली गई। बाड़ीनाथ दर्शन करने आए यात्रियों के टेम्पो ट्रैवलर दुर्घटना में आठ से ज्यादा लोगों की मृत्यु और एक दर्जन लोगों के घायल होने की दर्दनाक घटना घटित हुई और इसके अलावा अनेक सड़क दुर्घटनाओं में लोगों ने अपनी जान गंवाई किन्तु हमारे गढ़वाल के दोनों सांसद इस से बेखबर हैं।।

दोनों ही सांसद एक भी आपदा वाली जगह या मृतक परिवारों के बीच नहीं पहुंचे। उत्तराखंड की जनता ने लगातार तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा को जो पांचों सीटें उपहार में दीं हैं। उसका नतीजा ये है कि यहां के सांसद उत्तराखंड की जनता को अपना व अपनी पार्टी का बंधवा मजदूर समझने लगे हैं और उनके दिल दिमाग में यह बात घर कर गई है कि उनको काम सेवा और संघर्ष नहीं बल्कि मोदी जी के नाम पर वोट मिल रहा है इसलिए वे जनता की कोई परवाह ही नहीं करते।