नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वरिष्ठ वकील राकेश किशोर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अटॉर्नी जनरल ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख विकास सिंह ने कोर्ट से अनुरोध किया कि राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली की छुट्टियों के बाद इसे सुनवाई के लिए रखने का निर्देश दिया है।

दरअसल, 6 अक्टूबर को राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर उनके न्यायालय कक्ष में जूता फेंक दिया था। इस घटना के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में लिया। हालांकि, सीजेआई ने शांत भाव रखते हुए कार्यवाही जारी रखी और इसे भूला हुआ अध्याय बताया।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ गया और संस्थागत अखंडता तथा न्यायपालिका की गरिमा पर प्रश्न उठने लगे। वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं है और इसे दूसरों की अखंडता और गरिमा की कीमत पर प्रयोग नहीं किया जा सकता।

वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस घटना के तुरंत बाद राकेश किशोर का वकालत लाइसेंस निलंबित कर दिया था। अब कोर्ट में अवमानना मामले की सुनवाई के बाद राकेश किशोर की स्थिति और स्पष्ट होगी।