चमोली में एवलांच के बाद फंसे 50 श्रमिकों का रेस्क्यू कर लिया गया है। जिसमें से चार की मौत हो गई गई है। जबकि चार श्रमिक अब भी लापता हैं। चार लापता श्रमिकों की तलाश के लिए राहत और बचाव दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार देर शाम तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिसके बाद रविवार सुबह एक बार फिर से श्रमिकों की तलाश शुरू कर दी गई है। सीएम रविवार आज सुबह फिर आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने चमोली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली।
हिमस्खलन के बाद फंसे 50 श्रमिकों को किया रेस्क्यू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन तथा जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से राहत और बचाव कार्यों का अपडेट लिया। उन्होंने लापता श्रमिकों की तलाश के लिए व्यापक स्तर पर खोज एवं बचाव अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं हिमस्खलन की चपेट में आकर चार श्रमिकों की दुखद मौत की सूचना है।
लापता चार श्रमिकों की खोजबीन के लिए शनिवार को देर शाम तक भी राहत और बचाव कार्य संचालित किए गए। भारतीय सेना, आईटीबीपी के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा सघन रेकी की जा रही है। रविवार को जीपीआर की मदद से भी सर्च ऑपरेशन संचालित किया जाएगा। इसके अलावा थर्मल इमेजिंग कैमरा तथा विक्टिम लोकेशन कैमरा के जरिए भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
55 नहीं 54 मजदूर मौजूद थे वहां
पहले हिमस्खलन के दौरान 55 मजदूरों के वहां मौजूद होने की खबर सामने आ रही थी। लेकिन अब सामने आया है कि एक मजदूर वहां मौजूद नहीं था। वो पहले ही अपने घर चला गया था। जिलाधिकारी चमोली द्वारा बीआरओ के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए थे कि जो श्रमिक लापता हैं, उनके घर पर फोन कर जानकारी प्राप्त की जाए। जब बीआरओ ने कांगड़ा हिमाचल प्रदेश निवासी सुनील कुमार के घर पर फोन किया तो पता चला कि वे घर पहुंच गए हैं। इसके बाद सामने आया है कि वहां पर 54 मजदूर ही मौजूद थे।
सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास ने बताया कि शनिवार को माणा स्थित सेना के हास्पिटल से 24 श्रमिकों को जोशीमठ लाया गया। यहां सेना के अस्पताल में इनका उपचार किया जा रहा है। इनमें से दो श्रमिकों की स्थिति थोड़ी गंभीर है। जिन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। इनमें से एक मरीज को एम्स में भर्ती करा दिया गया है, जबकि दूसरे मरीज को एम्स लाए जाने की कार्रवाई की जा रही है।