उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में भारी अनियमिताएं सामने आई हैं। कैग की रिपोर्ट में कर्मकार बोर्ड में घोटालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। CAG Report के मुताबिक जहां एक ओर कर्मकार बोर्ड में केंद्रीय मंत्रालय के आदेश के विरूद्ध सामान खरीदा गया तो वहीं इस सामान में से साइकिल और टूलकिट कहां गई इसका पता ही नहीं है। इसके साथ ही कोरोनाकाल में भी राशन किट बांटने में भी अनियमिता सामने आई है।
कर्मकार बोर्ड के घोटालों का कैग की रिपोर्ट में पर्दाफाश हुआ है। बता दें कि कैग रिपोर्ट में 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में कर्मकार बोर्ड में हुए घोटालों का खुलासा हुआ है। कर्मकार बोर्ड के अधिकारियों ने साल 2018-22 के बीच 32.78 करोड़ की 83,560 साइकिलें आईटी कंपनी से खरीदी। इसमें से 37,665 साइकिलों की आपूर्ति देहरादून जिले में की गई। जिसमें से सिर्फ छह हजार बीस साइकिलें ही बांटी गई। बाकी की साइकिलें कहां गई इसका पता ही नहीं चल सका।
वहीं बात करें ऊधम सिंह नगर जिले की तो यहां लाभार्थियों को एक नहीं, दो नहीं बल्कि चार बार साइकिलें बांट दी गई। ऊधम सिंह नगर जिले में 216 श्रमिकों को दो बार, 28 को तीन बार जबकि छह को चार बार साइकिलें बांट दी गईं। इसके साथ ही बोर्ड ने मंत्रालय ने 25 मार्च 2021 के आदेश के खिलाफ 20,053 कंबल बांट दिए।
साइकिल के साथ ही कर्मकार बोर्ड द्वारा खरीदी गई टूलकिट का भी हिसाब नहीं मिल पा रहा है। दरअसल बोर्ड ने आईटी कंपनी टीसीआईएल से 33.23 करोड़ मूल्य की टूल किट खरीदीं। कैग रिपोर्ट में सामने आया है कि देहरादून में 22,426 टूल किटों की आपूर्ति की गई थी। जिसमें से सिर्फ 171 टूलकिट ही बांटी गई। बाकी की टूलकिट कहां गई इसका पता नहीं चल पाया। यहां तक कि लाभार्थियों से रसीद भी नहीं ली गई थी।
साल 2020 में कोरोनाकाल के दौरान बोर्ड ने आदेश जारी किया था कि पंजीकृत श्रमिकों को डोर-टू-डोर राशन किट बांटी जाएगी। इसके लिए 9.36 करोड़ कीमत की 75,000 किट खरीदी भी गईं। लेकिन ये किट उन लोगों में बांट दी गई जो पंजीकृत नहीं थे।